हमास को लेकर ट्रंप ने इजरायल को दी खुली छूट
Donald Trump angry on Hams: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को लेकर सख्त तेवर अपनाए हैं। उन्होंने इजरायल को गाजा में सैन्य कार्रवाई और तेज करने की पूरी छूट दे दी है। दरअसल, हमास ने अमेरिका की मध्यस्थता से प्रस्तावित शांति वार्ता को ठुकरा दिया, जिसके बाद ट्रंप का रुख और सख्त हो गया। स्कॉटलैंड रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि हमास को शांति में कोई दिलचस्पी नहीं है। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है मानो वे मरने को ही तैयार हैं। उन्होंने इसे बेहद गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताया।
अमेरिका गाजा पट्टी में शांति स्थापित करने के प्रयास में जुटा हुआ था। इस उद्देश्य से स्टीव विटकॉफ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को मिडिल ईस्ट भेजा गया था ताकि शांति वार्ता को आगे बढ़ाया जा सके। लेकिन अब स्टीव विटकॉफ ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका इस प्रक्रिया से पीछे हट रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम किसी अन्य विकल्प पर विचार करें। इसके तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से सख्त चेतावनी भी सामने आई। गौरतलब है कि ट्रंप ने हमास के कब्जे से अंतिम अमेरिकी-इजरायली नागरिक एडन एलेक्जेंडर की रिहाई में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि हमास की ओर से बातचीत के अंतिम चरण में इनकार करना यह साबित करता है कि वह शांति नहीं, बल्कि हिंसा चाहती है। उन्होंने गाजा की स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया, जहां बच्चे भूख और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। ट्रंप ने साफ संकेत दिया कि अब कूटनीति से समाधान नहीं निकलेगा। उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से स्पष्ट तौर पर कहा कि अब निर्णायक लड़ाई का समय आ गया है हमास को पूरी तरह खत्म कर दो।
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साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि अमेरिका इजरायल के सैन्य अभियान में पूरी तरह उसके साथ खड़ा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि अब हमास के बचे रहने की कोई गुंजाइश नहीं है।
इस दौरान इजरायली प्रधानमंत्री ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में नेतन्याहू ने विटकॉफ की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हमास ही बंधकों की रिहाई में मुख्य बाधा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि इजरायल अब अमेरिका के सहयोग से ऐसे विकल्पों पर काम कर रहा है, जिनसे बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके, हमास के आतंकी शासन का अंत हो और इजरायल व पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति कायम हो सके।