डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Donald Trump Tariff Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ प्रेम किसी छिपा नहीं है। हाल ही उनका ये प्यार तब देखने को मिला जब पेन्सिलवेनिया में एक जनसभा के दौरान उन्होंने टैरिफ को फिर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने इसे अपना “पसंदीदा शब्द” बताते हुए कहा कि टैरिफ न केवल अमेरिकी किसानों को समृद्ध बना रहे हैं, बल्कि अमेरिका के लिए “सैकड़ों अरबों, बल्कि खरबों डॉलर” ला रहे हैं।
ट्रंप के मुताबिक, यह नीति देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है और अमेरिका को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त दे रही है। वो इससे पहले भी कई बार इसी तरह के बयान दे चुके हैं। अक्टूबर में क्वांटिको में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि पद संभालते ही उन्होंने जिन शुरुआती एग्जीक्यूटिव ऑर्डरों पर हस्ताक्षर किए थे, उनमें “मेरिट आधारित सिद्धांत” को बहाल करना शामिल था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा था कि ‘टैरिफ’ शब्द उनके लिए सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण शब्दों में से एक है, क्योंकि इसके माध्यम से देश ‘बहुत अमीर’ बन रहा है। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपनी टैरिफ नीति के समर्थन में एक और बयान दिया है। उनका कहना था कि यदि सुप्रीम कोर्ट टैरिफ लगाने के खिलाफ फैसला देता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक होगा। ट्रंप ने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में अमेरिका को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है और देश आर्थिक रूप से असहाय हो सकता है।
वर्तमान में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ट्रंप प्रशासन की इस टैरिफ नीति की संवैधानिक वैधता की समीक्षा कर रहा है। ट्रंप का दावा है कि टैरिफ ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती दी है। अदालत में मामले की सुनवाई जारी है, हालांकि अंतिम फैसले की कोई निश्चित तारीख अभी तय नहीं की गई है।
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ट्रंप ने संकेतच दिए हैं कि वो भारतीय चावलों पर टैरिफ लगा सकते हैं। यह कदम अमेरिकी किसानों द्वारा डपिंग की शिकायतों के बाद उठाया जा सकता है, जिन्होंने सस्ते विदेशी माल, विशेष रूप से चावल के आयात, के कारण अमेरिकी उत्पादकों को होने वाली क्षति पर चिंता जताई थी।