
थाईलैंड में कहर बनकर टूटी बाढ़, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Southern Thailand Flood: दक्षिणी थाईलैंड में आई रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ ने मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है। देश के आपदा रोकथाम और प्रबंधन विभाग के मुताबिक, लगातार हुई भारी बारिश के चलते 12 दक्षिणी प्रांतों में बाढ़ के हालात बने, जिसने 12 लाख से अधिक परिवारों और करीब 36 लाख से ज्यादा लोगों को प्रभावित किया है।
सरकारी प्रवक्ता सिरिपोंग अंगकासाकुल्कियात ने बैंकॉक में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि आठ प्रांतों में बाढ़ से कम से कम 145 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक नुकसान सोंगखला प्रांत में हुआ है, जहां अकेले 110 से ज्यादा लोगों की जान गई है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम हो रहा है, प्रभावित इलाकों तक पहुंच बढ़ रही है और मृतकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, सोंगखला में जलस्तर कम होने के बाद बचाव दलों को उन आवासीय क्षेत्रों तक प्रवेश मिला जो पहले पूरी तरह डूब चुके थे। दक्षिणी थाईलैंड के सबसे बड़े शहर Hat Yai में सबसे अधिक शव बरामद किए गए हैं। कई इलाके अभी भी घुटनों से लेकर कमर तक पानी में डूबे हुए हैं, जिससे राहत कार्य में चुनौतियां बनी हुई हैं।
आपदा विभाग ने बताया कि कई जगहों पर पानी उतरने लगा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में जलस्तर अब भी ऊंचा है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि भले ही बारिश में कमी आई हो, फिर भी कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, जो हालात को फिर बिगाड़ सकती हैं।
दक्षिणी क्षेत्र में बाढ़ ने परिवहन व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। कई हाईवे और मुख्य सड़कें टूट चुकी हैं या तेज जलधाराओं में बह गई हैं, जिससे हजारों लोग फंस गए। निम्न-ऊंचाई वाली इमारतें, बाजार और वाहन पानी में डूब गए।
शुक्रवार को जारी वीडियो और तस्वीरों ने विनाश की भयावह तस्वीर सामने रखी। जगह-जगह टूटी सड़कें, गिर चुके बिजली के खंभे और घरों से बहकर आए सामान के ढेर दिखाई दिए। कई जगह कारें एक-दूसरे के ऊपर चढ़ी हुई या उलटी पड़ी देखी गईं, जिन्हें तेज धारा अपनी दिशा में बहा ले गई थी।
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सरकारी एजेंसियां, सेना और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, जबकि भोजन और दवाइयों की आपूर्ति भी जारी है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मलबे की सफाई और पुनर्निर्माण में लंबा समय लग सकता है।






