थाईलैंड-कंबोडिया में संघर्ष (सोर्स- सोशल मीडिया)
Thailand and Cambodia Armies Comparison: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच फिर से हिंसा भड़क उठी है, जो पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कराए गए शांति समझौते के बाद कुछ समय के लिए शांत हो गई थी। ताजा विवाद सोमवार को थाईलैंड द्वारा कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करने के बाद उत्पन्न हुआ। यह तनाव तब बढ़ा जब एक थाई सैनिक बारूदी सुरंग में घायल हो गया।
जानकारी के मुताबिक, जिसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया पर नई बारूदी सुरंगे बिछाने और सीमा पर हथियार जमा करने का आरोप लगाया। हालांकि, कंबोडिया ने इन आरोपों को नकारा है। दोनों देशों के बीच विवाद की जड़ में दो प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिनके आसपास की जमीन पर दोनों देश अपना दावा करते हैं, जिससे यह विवाद बढ़ता रहता है।
दोनों देशों की सैन्य शक्ति की बात करें तो 2024 में कंबोडिया का रक्षा बजट करीब 1.3 अरब डॉलर था, और उसकी सेना में लगभग 1.24 लाख सक्रिय सैनिक हैं। कंबोडिया के पास 200 सैन्य टैंक और 480 आर्टिलरी गन हैं। दूसरी ओर, थाईलैंड के पास एक विशाल रक्षा बजट है, जो करीब 5.7 अरब डॉलर है। थाईलैंड की सेना में 3.6 लाख सैनिक हैं, और उनके पास 400 टैंक, 1200 से ज्यादा बख्तरबंद गाड़ियां, और लगभग 2600 आर्टिलरी गन हैं। थाईलैंड की सेना को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है, जो उसे एक नॉन-NATO सहयोगी के रूप में पहचानता है।
वायुसेना के मामले में भी थाईलैंड का पलड़ा भारी है। कंबोडिया की वायुसेना में 1500 सैनिक हैं, और उनके पास 10 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर और कोई फाइटर जेट नहीं है। वहीं, थाईलैंड की वायुसेना दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे शक्तिशाली वायुसेना मानी जाती है, जिसमें 46,000 सैनिक हैं और 112 विमान युद्ध के लिए तैयार हैं, जिनमें 28 एफ-16 और 11 स्वीडिश ग्रिपन जेट शामिल हैं।
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नौसेना के क्षेत्र में भी थाईलैंड के पास एक मजबूत स्थिति है। कंबोडिया की नौसेना की तुलना में थाईलैंड की नौसेना कहीं अधिक सक्षम है, जिसमें 70,000 कर्मचारी और एक एयरक्राफ्ट कैरियर, 7 फ्रिगेट, और 68 गश्ती पोत हैं। लेकिन एक चीज जो थाईलैंड को कंबोडिया से ज्यादा ताकतवर बनाती है, वो है अमेरिका का समर्थन। जिसके बल पर थाईलैंड कंबोडिया की सेना से लंबे समय तक मुताबला कर सकता है।