थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर फिर भड़की जंग, सांकेतिक फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Thailand Cambodia F-16 airstrike News In Hindi: दक्षिण-पूर्व एशिया में एक बार फिर अस्थिरता गहराती नजर आ रही है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर शुक्रवार को दोबारा लड़ाई छिड़ गई, जबकि उसी समय दोनों देश शांति स्थापित करने के लिए बातचीत की मेज पर मौजूद थे। पांच महीने पहले हुए सीजफायर के टूटने के बाद यह संघर्ष क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चिंता बन गया है।
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि थाईलैंड ने उत्तर-पश्चिमी प्रांत बांटेय मीनचे में एफ-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमला किया। मंत्रालय के मुताबिक, एक गांव पर करीब 40 बम गिराए गए जिससे कई घरों और नागरिक ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, अभी तक किसी की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
वहीं, थाईलैंड ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई। थाई अधिकारियों के अनुसार, सेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई जरूरी थी ताकि देश के के सा केओ प्रांत की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह प्रांत बांटेय मीनचे से सटा हुआ है और दोनों देश इसके कुछ हिस्सों पर अपना-अपना दावा करते हैं।
दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है। दशकों से चले आ रहे क्षेत्रीय दावों की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना रहा है। जुलाई के अंत में यह तनाव खुली लड़ाई में बदल गया था। इसके बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मध्यस्थता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में दोनों पक्ष पांच दिनों की लड़ाई के बाद एक अस्थिर सीजफायर पर सहमत हुए थे।
हालांकि, मौजूदा हालात में दोनों देश एक-दूसरे पर सीजफायर तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। थाईलैंड की वायुसेना के प्रवक्ता एयर मार्शल जैकक्रिट थम्माविचाई ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि कंबोडिया सीजफायर को लेकर ईमानदार नहीं रहा तो थाईलैंड के पास पूरी तरह जंग में उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
इसी बीच, दोनों देशों के सैन्य अधिकारी सीमा पर बनी जनरल बॉर्डर कमिटी की तीसरे दिन की बैठक में शामिल हैं। यह बैठक कंबोडिया के पैलिन प्रांत और थाईलैंड के चंथाबुरी प्रांत के बीच स्थित एक चौकी पर हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक शनिवार को समाप्त होगी, जिसके बाद दोनों देशों के रक्षा मंत्री इसमें शामिल होकर किसी समझौते को अंतिम रूप दे सकते हैं।
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नुकसान की बात करें तो थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुटिन चार्नवीराकुल के अनुसार, 7 दिसंबर से अब तक संघर्ष में थाईलैंड के 26 सैनिक और एक नागरिक की मौत हुई है, जबकि युद्ध से जुड़े अन्य मामलों में 44 नागरिकों की जान जा चुकी है। दूसरी ओर, कंबोडिया ने सैनिकों की मौतों का आधिकारिक आंकड़ा नहीं दिया है, लेकिन उसके 30 नागरिकों के मारे जाने और 90 के घायल होने की पुष्टि की है। स्थिति फिलहाल बेहद संवेदनशील बनी हुई है और आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह संघर्ष शांति की ओर बढ़ेगा या पूरी तरह युद्ध में तब्दील होगा।