हिंदू नेता की हत्या पर तसलीमा नसरीन का फूटा गुस्सा, फोटो (सो, सोशल मीडिया)
ढाका: बांग्लादेश में हिंदू नेता भावेश चंद्र रॉय को उनके घर से अपहृत कर बर्बरता से पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना ने बांग्लादेश और भारत में जबरदस्त गुस्सा पैदा कर दिया है। भारत ने इसे एक अत्यंत घृणित कृत्य करार देते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की अपील की है। भारत ने यूनुस सरकार से कहा है कि बहाने बनाना बंद करें। इस मामले में बांग्लादेश की प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन ने यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी सत्ता से बर्खास्तगी की मांग की है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू तभी सुरक्षित रहेंगे, जब यूनुस सरकार को हटाया जाएगा।
भावेश चंद्र रॉय को उनके घर से अपहरण कर बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। भावेश वेश शतग्राम यूनियन के बसुदेवपुर गांव के निवासी थे और बिराल यूनिट के बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। वे स्थानीय हिंदू समुदाय में एक प्रतिष्ठित नेता माने जाते थे। इस भयावह घटना पर तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की। तसलीमा के इस बयान के बाद बांग्लादेश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस शुरू हो गई है। नसरीन ने पहले भी कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए हैं।
Hindu leader Bhavesh Chandra Roy was abducted from his home and beaten to death. We can certainly guess who the killers are. Mr. Yunus takes no action against the murderers of Hindus. He propagates that Hindus are doing just fine, and that the reports of Hindu persecution are all…
— taslima nasreen (@taslimanasreen) April 20, 2025
एक स्थानीय अखबार ने पुलिस और परिवार के सदस्यों के हवाले से जानकारी दी कि ढाका से लगभग 330 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित दिनाजपुर के बसुदेबपुर गांव में रहने वाले 58 वर्षीय भाबेश चंद्र रॉय का शव गुरुवार रात बरामद हुआ।
रॉय बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और स्थानीय हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे। उनकी पत्नी शांतना ने स्थानीय अखबार को बताया कि उन्हें शाम करीब 4:30 बजे एक फोन आया था। इसके बाद करीब 30 मिनट बाद, दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोग आए और भाबेश को अगवा कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, रॉय को नाराबारी गांव ले जाया गया, जहां उनके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। इसके बाद, उन्हें दिनाजपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
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भारत ने भी भावेश चंद्र की हत्या के मामले में यूनुस सरकार को कठघरे में खड़ा किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर कहा, “यह घटना अंतरिम सरकार के शासन में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी संगठित उत्पीड़न के एक उदाहरण को प्रस्तुत करती है, जबकि पहले की ऐसी घटनाओं के अपराधी अब भी बिना किसी सजा के खुलेआम घूम रहे हैं।
हम इस घिनौनी घटना की कड़ी निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह सभी अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए, बहाने न बनाए और किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचें।”