तालिबान की ताकत देख कांप उठा पाकिस्तान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Taliban US Weapons: पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक ऐसा खुलासा सामने आया है जिसने पाक सेना की चिंता बढ़ा दी है। अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए विशेष महानिरीक्षक (SIGAR) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि तालिबान के पास फिलहाल लगभग 140 अरब डॉलर के हथियार मौजूद हैं।
इन हथियारों में ज्यादातर अमेरिकी निर्मित तकनीक और भारी सैन्य उपकरण शामिल हैं, जो तालिबान को किसी भी बड़े संघर्ष के लिए सक्षम बनाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने ये हथियार अपने संसाधनों से नहीं खरीदे, बल्कि अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के समय पीछे छूटे सैन्य उपकरण तथा अफगान सेना से अधिग्रहित हथियार अब तालिबान की ताकत बन चुके हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के पास लगभग 1 लाख से अधिक लड़ाकू वाहन हैं, जिनमें टैंक, तोप और अन्य सैन्य वाहन शामिल हैं। इसके अलावा उनके कब्जे में 51,000 से ज्यादा अमेरिकी हल्के सामरिक वाहन भी हैं जिन्हें कभी अफगान सेना को इस्तेमाल के लिए दिया गया था।
तालिबान के पास करीब 900 बख्तरबंद लड़ाकू वाहन भी मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल किसी भी जमीनी लड़ाई में किया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में तालिबान के पास 5 लाख से अधिक छोटे-बड़े हथियार हैं, जिनमें से लगभग 4 लाख हथियार अमेरिकी निर्मित हैं। हाल ही में तस्करी के जरिए भी उन्हें कुछ हथियार मिले हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तालिबान के पास 131 फाइटर प्लेन और हेलिकॉप्टर हैं, जिनका वे खुले तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। तालिबान के हथियारों में पिका एम2, एम240 मशीन गन, रॉकेट लॉन्चर, ग्रेनेड लॉन्चर और आरपीजी-7 जैसी टैंक रोधी मिसाइलें शामिल हैं, जो किसी भी बड़े सैन्य ऑपरेशन में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।
तालिबान और पाकिस्तान के रिश्ते पिछले कुछ महीनों में काफी बिगड़े हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे संगठनों को संरक्षण देता है, जो पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाते हैं।
इसी आरोप के आधार पर पाकिस्तान ने पिछले महीने अफगानिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हवाई स्ट्राइक की थी। इसके जवाब में तालिबान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और सीमा पर तनाव तेजी से बढ़ गया। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने हाल ही में कहा था कि तालिबान को तय करना होगा कि वह आतंकियों के साथ है या पाकिस्तान के साथ अब तीसरा विकल्प नहीं बचेगा।
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वहीं तालिबान ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान, अमेरिका के इशारे पर जंग का माहौल तैयार कर रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ती यह खाई क्षेत्र में नए संकट की आशंका को जन्म दे रही है, और SIGAR की यह रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए नया सिरदर्द बन गई है।