भूकंप, सांकेतिक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Taiwan News In Hindi: ताइवान के दक्षिण-पूर्वी तटीय इलाके में स्थित ताइतुंग शहर में बुधवार को शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। सेंट्रल वेदर एडमिनिस्ट्रेशन (CWA) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 दर्ज की गई। राहत की बात यह रही कि खबर लिखे जाने तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है।
सीडब्ल्यूए ने बताया कि भूकंप का केंद्र ताइतुंग काउंटी हॉल से करीब 10.1 किलोमीटर उत्तर में स्थित था, जबकि इसकी गहराई जमीन के अंदर 11.9 किलोमीटर मापी गई। भूकंप की गहराई कम होने के कारण इसके झटके काफी व्यापक क्षेत्र में महसूस किए गए। राजधानी ताइपे में कई गगनचुंबी इमारतें कुछ देर तक हिलती रहीं, जिससे दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में अफरा-तफरी मच गई।
भूकंप के तुरंत बाद ताइपे, काओशुंग, ताइचुंग और ताइनान सहित कई इलाकों में अलर्ट जारी किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, हुलिएन और पिंगतुंग काउंटी में ताइवान के सात-स्तरीय तीव्रता पैमाने पर भूकंप की तीव्रता स्तर 4 मापी गई। वहीं, काओशुंग, नांतौ, ताइनान, चियाई काउंटी, युनलिन, चियाई शहर और चांगहुआ में स्तर 3 के झटके दर्ज किए गए। ताइचुंग, मियाओली, यिलान, हसिंचु काउंटी, ताओयुआन, न्यू ताइपे और ताइपे में स्तर 2 की तीव्रता महसूस की गई।
झटकों के दौरान कई इलाकों में लोग दहशत के कारण अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर भी भूकंप से जुड़े कई वीडियो सामने आए, जिनमें इमारतों को हिलते हुए देखा जा सकता है। आपात सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, ताइवान दो प्रमुख टेक्टॉनिक प्लेटों के पास स्थित है जिस कारण यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। इससे पहले वर्ष 2016 में ताइवान में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 1999 में आए विनाशकारी भूकंप में 2000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
यह भी पढ़ें:- बांग्लादेश में उबाल, हिंदुओं पर हमले और अब तारिक रहमान की एंट्री; क्या आने वाला है सियासी तूफान?
विशेषज्ञ बताते हैं कि रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होता है, जिसमें भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर मापा जाता है। यदि तीव्रता 7 या उससे अधिक हो, तो उसके आसपास के लगभग 40 किलोमीटर के दायरे में भारी तबाही की आशंका रहती है।