
सुशीला कार्की (फोटो- सोशल मीडिया)
Nepali Gen Z Protest: सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा को तख्तापलट के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। कार्की इससे पहले नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस भी रह चुकी हैं। नेपाल में वो भ्रष्टाचार विरोधी न्यायाधिश के तौर पर जानी जाती है।
#WATCH | Kathmandu | Nepal’s former Chief Justice, Sushila Karki, takes oath as interim PM Oath administered by President Ramchandra Paudel No ministers inducted in Sushila Karki’s interim cabinet Video source: Nepal Television/YouTube pic.twitter.com/26e5eOu0BD — ANI (@ANI) September 12, 2025
8 और 9 सितंबर को राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया बैन को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद को भंग कर दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार के गठन को लेकर लंबी खींचतान चली, हालांकि अब सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर चुन लिया गया है।
4 मार्च को होगा नेपाल में आम चुनाव
जानकारी के मुताबिक, सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति भवन अपनी पहली कैबिनेट बैठक कर सकती हैं। इस बैठक में छोटे मंत्रिमंडल के गठन पर निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा, बैठक में न्यायिक जांच आयोग और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत आयोग बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की संभावना है। यह कदम सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करने और प्रशासनिक कार्यों को तेजी से लागू करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
सुशीला कार्की ने शपथ ग्रहण के साथ इस बात का भी ऐलान कर दिया कि, उनकी सरकार अगले साल 4 मार्च को देश में आम चुनाव करवाएगी। इस दौरान वो हिंसा के बाद चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश करेगी। नेपाल में हुए हिंसा प्रयर्टन क्षेत्र और होटल उद्योग को भारी नुकासन हुआ है।
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नेपाल में संसद भंग किए जाने के फैसले का राजनीतिक दलों द्वारा विरोध शुरू हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (UML) के महासचिव शंकर पोखरेल ने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने देश की जनता से सतर्क रहने की अपील की है और पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों से इस कदम के विरोध में सड़कों पर उतरने का आग्रह किया है।






