साकेतिक तस्वीर, सो. एआई
Sudan Airstrike: सूडान की वायुसेना ने देश के ही दारफुर क्षेत्र में स्थित एक एयरपोर्ट पर हवाई हमला किया, जो फिलहाल विद्रोही अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के कब्जे में था। इस एयरस्ट्राइक में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का एक सैन्य विमान नष्ट हो गया, जबकि करीब 40 कोलंबियाई भाड़े के सैनिक मारे गए। सूडानी अधिकारियों के अनुसार, यह हमला एक दिन पहले अंजाम दिया गया था। कार्रवाई में भाड़े के लड़ाकों द्वारा जुटाए गए हथियारों का जखीरा भी पूरी तरह तबाह कर दिया गया।
सूडान की सेना और RSF के बीच अप्रैल 2023 से जारी संघर्ष ने अब तक हजारों लोगों की जान ले ली है। इस हिंसा के चलते 1.4 करोड़ से अधिक लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। देश के कई हिस्सों में भयंकर खाद्य संकट उत्पन्न हो गया है। संघर्ष के दौरान नरसंहार और यौन हिंसा जैसे गंभीर अपराधों की घटनाएं भी सामने आई हैं। इन मामलों की जांच इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) द्वारा की जा रही है।
सूडान ने यह हवाई हमला दारफूर की राजधानी न्याला के एयरपोर्ट पर किया था। इस कार्रवाई को सरकार ने विद्रोहियों के खिलाफ कड़ा संदेश और विदेशी दखलअंदाजी के प्रति जवाबी कदम बताया है। हालांकि, इस पर अब तक अमीरात के विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अमीरात पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुका है कि उसका सूडान के संघर्ष में कोई हस्तक्षेप नहीं है। वहीं, RSF (रैपिड सपोर्ट फोर्स) की ओर से भी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
सूडान के कई हिस्सों पर बागियों का नियंत्रण
यूएई ने सूडान की एयरस्ट्राइक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उसने सूडानी विमानों पर पाबंदी लगा दी है। सूडान की विमानन एजेंसी का कहना है कि बुधवार को एक सूडानी विमान को अबूधाबी से उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई। दरअसल, सूडान और यूएई के रिश्तों में पहले से ही खटास है, क्योंकि खार्तूम सरकार का आरोप है कि यूएई, RSF (रैपिड सपोर्ट फोर्स) को समर्थन दे रहा है।
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वहीं, कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक्स पर जानकारी दी कि उन्होंने अपने देश के भाड़े के सैनिकों की मौत की जांच के आदेश दे दिए हैं। बीते वर्ष आरएसएफ (RSF) ने सूडान के न्याला शहर पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था। सूडानी सरकार का आरोप है कि आरएसएफ ने वहां के नागरिक हवाई अड्डे को एक सैन्य अड्डे में बदल दिया है, जहां से हथियारों की आपूर्ति और सोने की तस्करी की जा रही है। अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की गई थी कि कोलंबियाई भाड़े के सैनिक दारफुर क्षेत्र में मौजूद हैं और उन्हें एक निजी सुरक्षा कंपनी के ज़रिए आरएसएफ की सहायता के लिए भेजा गया था।