सांकेतिक एआई तस्वीर
Sudan Civil War: सूडान के दारफुर प्रांत की राजधानी अल-फाशेर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) ने ड्रोन से एक भीड़भरे बाजार पर हमला किया, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब कुछ दिन पहले ही RSF ने अल-फाशेर की एक मस्जिद को निशाना बनाया था, जिसमें 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
हमले की पुष्टि करते हुए अल-फाशेर की ‘रेजिस्टेंस कमेटी’ ने फेसबुक पोस्ट में इसे “लगातार जारी नरसंहारों की कड़ी में एक और निर्मम वारदात” बताया। समिति ने आरोप लगाया कि RSF शहर को झुकाने और वहां के लोगों के हौसले तोड़ने की कोशिश कर रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, सूडान में जारी गृहयुद्ध अब तक कम से कम 40,000 लोगों की जान ले चुका है और करीब 1 करोड़ 20 लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। वहीं, विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि 2 करोड़ 40 लाख से ज्यादा सूडानी नागरिक गंभीर भूख और खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। दारफुर क्षेत्र का अल-फाशेर शहर फिलहाल सूडानी सेना का आखिरी मजबूत गढ़ माना जा रहा है, जहां अप्रैल से लड़ाई और भी ज्यादा भड़क गई है।
मानवीय संगठनों का कहना है कि सूडान में स्वास्थ्य सुविधाओं, भोजन और स्वच्छ पानी की भारी किल्लत है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बीते 14 महीनों में हैजे से 3,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, संघर्ष में शामिल दोनों गुटों पर जातीय सफाए, बिना न्यायिक प्रक्रिया के हत्याएं करने और महिलाओं व बच्चों पर यौन हिंसा जैसे गंभीर अपराधों के आरोप लगे हैं।
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अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने संघर्ष के दौरान हुए संभावित अपराधों और मानवता विरोधी घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। इस युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। खासकर दारफुर क्षेत्र में सामूहिक हत्याएं और यौन हिंसा जैसी गंभीर अमानवीय घटनाएं सामने आई हैं। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने सूडान की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता जताई है और इस हिंसक संघर्ष की कड़ी आलोचना की है।