दक्षिण कोरिया विदेश मंत्री चो ह्यून, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
World News In Hindi: दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने कहा है कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया और अन्य संबंधित देशों के साथ सक्रिय संवाद के जरिए कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्योंगयांग के साथ बिगड़े रिश्तों को फिर से बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
योनहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार, चो ह्यून ने दक्षिण कोरिया-अमेरिका सांसदों के यूनियन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि यह गंभीरता से सोचा जाए कि प्रायद्वीप में स्थायी शांति और सुरक्षा के लिए वास्तव में क्या कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने माना कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में कूटनीति और संवाद की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
विदेश मंत्री ने बताया कि इस वर्ष दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच हुई दो अहम शिखर बैठकों ने भविष्य की रणनीति के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। उन्होंने इन बैठकों के बाद जारी संयुक्त फैक्ट शीट में शामिल समझौतों पर ‘तेजी से और प्रभावी तरीके से’ आगे बढ़ने की जरूरत पर जोर दिया। चो के अनुसार, इन समझौतों को जमीन पर उतारना दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से अहम है।
संयुक्त फैक्ट शीट के तहत अमेरिका ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए नागरिक यूरेनियम संवर्धन और खर्च किए गए परमाणु ईंधन के रीप्रोसेसिंग में दक्षिण कोरिया को सहयोग देने का वादा किया है। इसके अलावा, परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से जुड़ी अमेरिकी मंजूरी और प्रतिबद्धता भी इस समझौते का हिस्सा है। चो ह्यून ने संकेत दिया कि सोल अगले वर्ष इन मुद्दों पर वाशिंगटन के साथ विस्तृत बातचीत करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया और अन्य संबंधित देशों के साथ संवाद करते हुए अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक क्षमताओं को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि किसी भी संभावित सुरक्षा चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।
इस बीच, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने सरकार की उत्तर कोरियाई नीति में बेहतर समन्वय के लिए सुरक्षा से जुड़े मंत्रियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। राष्ट्रपति के प्रवक्ता किम नाम-जून के अनुसार, यह फैसला तब लिया गया जब ली ने विदेश और एकीकरण मंत्रालयों से बंद कमरे में नीतिगत ब्रीफिंग प्राप्त की।
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राष्ट्रपति का यह निर्देश नए प्रशासन के तहत उत्तर कोरिया नीति को लेकर मंत्रालयों के बीच उभरते मतभेदों के संदर्भ में आया है। विदेश मंत्रालय जहां प्योंगयांग से जुड़े मामलों में वाशिंगटन के साथ करीबी समन्वय पर जोर देता है, वहीं एकीकरण मंत्रालय अमेरिकी भागीदारी से अलग अंतर-कोरियाई संवाद को प्राथमिकता देने का पक्षधर रहा है। किम के मुताबिक, राष्ट्रपति ली ने इन अलग-अलग दृष्टिकोणों को सकारात्मक रूप में देखने और नीति निर्माण में संतुलन बनाए रखने की बात कही है।