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धधकती आग में छलांग लगाकर बच्चों की बचाई जान, बहादुर भारतीयो को सिंगापुर ने किया सम्मानित

Singapore Fire News: सिंगापुर की एक इमारत में 8 अप्रैल को लगी भयंकर आग के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना 10 बच्चों को बचाने वाले प्रवासी भारतीयों को वहां की सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है।

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: Apr 12, 2025 | 04:14 PM

धधकती आग में छलांग लगाकर बच्चों की बचाई जान, फोटो ( सो. एआई )

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सिंगापुर: सिंगापुर की एक सरकारी इमारत में चार दिन पहले भीषण आग लग गई थी। इस दौरान कई बच्चे अंदर फंसे रह गए। आग की लपटों के बीच भारतीय प्रवासियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना साहस का परिचय दिया और फायर ब्रिगेड के आने से पहले ही कम से कम 10 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इन बच्चों में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का आठ साल का बेटा, मार्क शंकर पवनोविच भी शामिल था। इस वीरता और मानवता भरे कार्य के लिए सिंगापुर सरकार ने इन भारतीय प्रवासियों को सम्मानित किया है।

आग लगने की यह घटना 8 अप्रैल को हुई थी। एक इमारत में आग लगने के दौरान साहसिक कार्य कर बच्चों और वयस्कों की जान बचाने वाले चार भारतीय प्रवासी मजदूरों को सरकार ने सम्मानित किया है। आग की चपेट में आई इस इमारत में 16 नाबालिग और छह वयस्क फंसे हुए थे। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के आठ वर्षीय बेटे, मार्क शंकर पवनोविच, को भी इस घटना में सुरक्षित बाहर निकाला गया था। वहीं, इस इमारत से बचाई गई एक 10 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई बच्ची की बाद में अस्पताल में मृत्यु हो गई।

भारतीयों को किया गया सम्मानित

मानव शक्ति मंत्रालय के ‘एश्योरेंस, केयर एंड एंगेजमेंट’ (एसीई) समूह ने आग की घटना में लोगों की जान बचाने वाले इंद्रजीत सिंह, सुब्रमण्यम सरनराज, नागराजन अनबरसन और शिवसामी विजयराज को ‘फ्रेंड्स ऑफ एसीई’ सम्मान स्वरूप सिक्के प्रदान किए। साप्ताहिक पत्रिका ‘तबला’ के अनुसार, मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, “उनकी समझदारी और वीरता ने हालात को पूरी तरह बदल दिया। संकट की घड़ी में समुदाय की शक्ति को दर्शाने के लिए हम उनके आभारी हैं।”

घटना के समय, जब बच्चों की चीखें सुनाई दीं और इमारत की तीसरी मंजिल से घना धुआं निकलता दिखा, तब इन प्रवासी श्रमिकों ने बिल्कुल भी देर न करते हुए अपने कार्यस्थल से एक स्केफोल्ड (धातु की अस्थायी सीढ़ी जैसी संरचना) उठाया और मदद के लिए दौड़ पड़े।

इस तरह से बच्चों को बचाया

भारतीय प्रवासियों ने बच्चों को इमारत से बाहर निकालने के लिए ‘स्केफोल्ड’ और सीढ़ियों का सहारा लिया। साथ ही, कुछ अन्य प्रवासी श्रमिक भी वहां काम कर रहे थे, जो रिवर वैली रोड पर इमारत के पास मौजूद थे। सिंगापुर नागरिक सुरक्षा बल (एससीडीएफ) के पहुंचने से पहले ही, प्रवासी श्रमिकों ने मात्र 10 मिनट में 10 बच्चों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तमिलनाडु के निवासी सुब्रमण्यम सरनराज (34) ने कहा कि वह कभी भी उन बच्चों के चेहरे नहीं भूल सकते जिनके चेहरों पर कालिख के निशान थे, वे खांस रहे थे, सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे थे और मदद के लिए चिल्ला रहे थे।

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सरनराज ने बताया, “धुएं के बीच एक शिक्षक और बच्चे खिड़की से बाहर देख रहे थे और मदद के लिए पुकार रहे थे। धुआं बढ़ता जा रहा था और हमारे पास बहुत कम समय था।” उन्होंने आगे कहा, “हमारे भी बच्चे हैं। अगर ये हमारे बच्चे होते, तो क्या हम चुपचाप खड़े रहते?”

इमारत में कुल 16 बच्चे फंसे हुए थे। उनके सहकर्मी नागराजन अनबरसन (37) ने भी यही महसूस किया और कहा, “जब हमने बच्चों को संकट में देखा, तो हम इससे मूक नहीं रह सकते थे।” सरनराज ने कहा, “हमें धुएं से बचने के लिए कोई सुरक्षा उपकरण नहीं मिला था, और हम इमारत से भी परिचित नहीं थे, इस कारण हम नहीं जानते थे कि सीढ़ियां कहां हैं। इसलिए हमने खिड़कियों से बाहर निकलने का फैसला किया।”

इस हादसे में 22 लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें से 16 बच्चे थे, जिनकी उम्र छह से दस साल थी, और बाकी छह वयस्क थे जिनकी उम्र 23 से 55 वर्ष के बीच थी। इमारत में अग्नि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन भी पाया गया था।

Singapore honoured the brave indians who saved lives of children by jumping into blazing fire

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Published On: Apr 12, 2025 | 04:14 PM

Topics:  

  • Fire
  • Singapore
  • World News

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