नेपाल के पूर्व PM शेर बहादुर देउबा पर हमला (फोटो- सोशल मीडिया)
Nepal Violence: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसक हमला कर दिया। इस हमले में उनकी पत्नी और नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा भी घायल हुईं। एक वीडियो सामने आया है जिसमें देउबा लहूलुहान हालत में दिखाई दे रहे हैं और उन्हें प्रदर्शनकारियों के बीच से जान बचाकर भागते हुए देखा गया।
Nepal Ex PM Sher Bahadur Deuba and his wife & Foreign Minister Arzu Rana Deuba captured and manhandled by GenZ protesters. #Nepalprotest mirrors Bangladesh now.#NepalGenZProtest #NepalProtests pic.twitter.com/QDKyiw554D
— Ganesh (@me_ganesh14) September 9, 2025
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और वो देश छोड़कर भागने की फिराक में है। इसके चलते प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के प्रमुख एयरपोर्ट में से एक भैरहवा एयरपोर्ट को घेर लिया है। माना जा रहा है कि ओली यहीं से दुबई भागने वाले थे।
नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकार में बढ़ते भ्रष्टाचार के विरोध में युवाओं, खासकर Gen Z, ने जोरदार आंदोलन छेड़ दिया है। यह विरोध धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने देश के कई शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है।
हिंसक प्रदर्शनों के दबाव में कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। सबसे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल, और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने इस्तीफा दिया। अंततः हालात बेकाबू होते देख प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। अब प्रदर्शनकारी काठमांडू के मेयर बालेन शाह को देश का आंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
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प्रदर्शनकारियों ने कई नेताओं के घरों पर हमला किया, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और शेर बहादुर देउबा शामिल हैं। इसके अलावा, गृह मंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया। वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को भी सड़क पर दौड़ाकर पीटा गया।
बढ़ती हिंसा को देखते हुए नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया बैन का फैसला वापस ले लिया है। संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने बताया कि यह निर्णय एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद लिया गया। इस हिंसा में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक घायल हुए हैं।