डोनाल्ड ट्रंप, शहबाज शरीफ (फोटो- सोशल मीडिया)
Indai-Pakistan Relations: पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से ही पाकिस्तानी नेता और सेना अमेरिका को खुश करने में लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण वाशिंगटन में देखने को मिला। यहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मख्खन लगाते नजर आए।
शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को भारत के साथ संघर्ष रुकवाने का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने ही भारत के साथ हमारी जंग रुकवा दी थी, जिससे बड़ी बर्बादी होने से रोक लग गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि शहबाज शरीफ सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों से डोनाल्ड ट्रंप को इसलिए श्रेय दे रही है ताकि वह भारत से मिली हार को छिपा सके और हकीकत को दबा सके। पाकिस्तानी नेतृत्व अपनी जनता को नहीं बताना चाहता कि भारतीय सेना के हाथों बुरी तरह हारने के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत से संपर्क करके युद्ध रोकने की अपील की थी।
पाकिस्तान ऐसे में तीसरे पक्ष यानी अमेरिका को बीच में लाकर अपनी कमजोरी छिपाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान ने युद्धविराम के तुरंत बाद ही ट्रंप को श्रेय देते हुए उनका नाम 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का फैसला लिया था। इसके बाद से पाकिस्तान लगातार कई अलग-अलग मंचों से युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिका की तारीफ कर चुका है। जबकि भारत लगातार इससे इनकार करता आ रहा है। माना जाता है कि भारत की ओर से इनकार के चलते ट्रंप प्रशासन नाराज है।
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एक तरफ जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ट्रंप की चापलूसी करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं भारत शुरू से ही अमेरिकी हस्तक्षेप को खारिज करता आ रहा है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 10 मई को कहा था कि पाकिस्तान की सेना ने युद्धविराम के लिए संपर्क किया था और दोनों पक्षों ने सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी। वहीं, हाल ही में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी स्वीकार किया था कि भारत किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मानने से इनकार कर चुका था।