डोनाल्ड ट्रंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी कोर्ट के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है। गुरुवार को एक फेडरल कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें जन्म से मिलने वाली नागरिकता समाप्त करने की बात कही गई थी। न्यू हैम्पशायर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज जोसेफ लाप्लांट ने आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि नागरिकता एक मौलिक संवैधानिक अधिकार है, जिसे किसी से छीना नहीं जा सकता।
करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद जज जोसेफ लाप्लांटे ने फैसला सुनाते हुए इस मामले को क्लास एक्शन स्टेटस यानी सामूहिक याचिका का दर्जा दे दिया। इसका मतलब है कि ट्रंप प्रशासन के आदेश से प्रभावित होने वाले सभी बच्चे अब इस मुकदमे का हिस्सा माने जाएंगे। सुनवाई के दौरान जज लाप्लांटे ने कहा, “यह मामला बेहद संवेदनशील है। अगर ट्रंप प्रशासन का यह आदेश लागू होता है, तो कई बच्चों को अमेरिकी नागरिकता से वंचित होना पड़ सकता है।”
न्यायाधीश लांप्लाटे ने अपने आदेश के साथ ट्रंप प्रशासन को 7 दिनों की राहत दी है। उन्होंने अपने फैसले को अस्थायी रूप से एक हफ्ते के लिए स्थगित करते हुए प्रशासन को ऊपरी अदालत में अपील का अवसर दिया है। इस कदम के बाद अब यह मामला दोबारा अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने की संभावना प्रबल हो गई है। वहां न्यायाधीशों को यह विचार करना पड़ सकता है कि क्या लांप्लाटे का आदेश सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णय के अनुरूप है, जिसमें निचली अदालतों की ओर से प्रशासनिक आदेशों पर राष्ट्रव्यापी रोक लगाने की शक्ति को सीमित किया गया था।
मुकदमा दायर करने वाले वकील ने कहा कि अब कोई भी बच्चा इस अमानवीय आदेश का शिकार नहीं बनेगा। यह मुकदमा अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) और कुछ अन्य संगठनों ने मिलकर दायर किया था। याचिका एक गर्भवती महिला, दो अभिभावकों और उनके अमेरिका में जन्मे बच्चों की ओर से दाखिल की गई थी।
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अमेरिकी सरकार ने अदालत में यह दलील दी कि संविधान का 14वां संशोधन जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति, जो देश के अधिकार क्षेत्र में आता है, नागरिक माना जाएगा अवैध प्रवासियों के बच्चों पर लागू नहीं होता। सरकार का कहना था कि यह व्यवस्था गैरकानूनी प्रवास को बढ़ावा देती है और इससे देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को खतरा पहुंचता है।
हालांकि, न्यायाधीश लांप्लाटे ने इन दलीलों को कमजोर बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि वे स्वीकार्य नहीं हैं। सरकार ने यह भी तर्क दिया कि कोर्ट की रोक केवल न्यू हैम्पशायर राज्य तक सीमित होनी चाहिए, क्योंकि यह आदेश केवल डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था और अन्य किसी अधिकारी ने इसे लागू करने की दिशा में कदम नहीं उठाया। लेकिन जज ने इस दलील को भी ठुकरा दिया और सरकार को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सात दिन का समय दिया।