9/11 हमले की तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
9/11 History in Hindi: दुनिया कई आतंकवादी हमलों से जूझ चुकी है और आज भी जूझती आ रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका पर एक ऐसा आतंकी हमला हुआ जिसे सुनते ही हर कोई दहल जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं 11 सितंबर 2001 की उस भयानक घटना की, जिसे आज 24 साल हो चुके हैं। 1 सितंबर 2001 की सुबह न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। उस दौरान आतंकियों ने सीधे यात्रियों से भरे दो विमान टावर्स में ले जाकर सीधे घुसा दिया था। आज भी उस पल का दर्दनाक वीडियो जैसे ही सामने आता है लोग उसे देख सहम जाते हैं।
बता दें कि अमेरिका ने 11 सितंबर 2001 की सुबह एक भयानक त्रासदी देखी, आतंकियों ने जैसे ही प्लेन को टॉवर्स में भिड़ाया वैसे ही एक भयानक धमाका हुआ। आग की भयंकर लपटें उठीं, घुटन भरने वाला धुआं चारो तरफ फैल गया, लोग चीखते हुए इधर-उधर भागने लगे। दुनिया की महाशक्तियों में से एक, अमेरिका उस दिन पूरी तरह से दहला गया। यह हादसा अमेरिका के इतिहास में एक बड़ा बदलाव लेकर आया। उस समय के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने पूरे विश्व को संबोधित कर आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करना अब सबसे बड़ी चुनौती है।
The first plane struck the North Tower of the World Trade Center at 8:46 AM on September 11, 2001.
24 years ago Today.pic.twitter.com/isfhCknzHX
— Massimo (@Rainmaker1973) September 11, 2025
यह घटना 11 सितंबर 2001 की सुबह की है जब अल-कायदा के 19 आतंकवादियों ने अमेरिका में चार यात्री विमानों का अपहरण किया। ये विमान थे: अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-11, यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट-175, अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-77 और यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट-93। आतंकवादियों ने दो विमानों को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर्स से टकरा दिया, जिससे दोनों टॉवर पूरी तरह ढह गए। तीसरे विमान ने वाशिंगटन डी.सी. में पेंटागन से टकराया, जबकि चौथा विमान पेंसिल्वेनिया में गिर गया, जो अपने असली लक्ष्य, व्हाइट हाउस तक पहुंचने से पहले ही क्रैश हो गया।
September 11, 2001
8:46 a.m. – First plane struck 1 World Trade Center, North Tower.
9:03 a.m. – Second plane struck 2 World Trade Center, South Tower.
9:37 a.m. – Third plane struck the Pentagon.
10:03 a.m. – Fourth plane crashes in Pennsylvania.#NeverForget pic.twitter.com/jZUEU1RbAV
— Joe_S_Pure🩸 (@Joe_S_Pure) September 10, 2025
फ्लाइट-11 का बोइंग 767 विमान सुबह 8:46 पर नॉर्थ टॉवर (1 WTC) की 93वीं से 99वीं मंजिल के बीच जा घुसा। इसके 17 मिनट बाद, यानी 9:03 पर, फ्लाइट-175 का बोइंग 767 विमान साउथ टॉवर (2 WTC) की 77वीं से 85वीं मंजिल से टकराया। फ्लाइट-77 का बोइंग 757 विमान 9:37 पर पेंटागन से टकराया। चौथी फ्लाइट-93 का बोइंग 757 विमान 10 बजे के करीब पेंसिल्वेनिया में गिरकर नष्ट हो गया।
आतंकवादी हमले के समय WTC के दोनों टॉवरों में लगभग 16,000 से 18,000 लोग मौजूद थे। इन हमलों में दोनों विमानों में सवार लोगों समेत कुल 2,977 लोग मारे गए। सड़क पर खड़े लोग विमानों को टॉवर से टकराते हुए देख रहे थे और आग में फंसे लोगों को नीचे गिरते हुए देख कर पूरा न्यूयॉर्क शहर दहशत में डूब गया।
As many of you know, September 11, 2001, was a tragic day in U.S. history when nearly 3,000 lives were lost after terrorists hijacked four planes. Two were flown into the World Trade Center in New York, one struck the Pentagon outside Washington, D.C., and another crashed in a… pic.twitter.com/2Mp2Kkryze
— Jacob in Cambodia 🇺🇸 🇰🇭 (@jacobincambodia) September 11, 2025
अमेरिका ने 9/11 के आतंकवादी हमले में भारी नुकसान उठाया। इस हमले में करीब 6,000 लोग घायल हुए और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवर पूरी तरह नष्ट हो गए। आर्थिक नुकसान 100 अरब डॉलर से अधिक था। इस घटना के बाद अमेरिका ने अल-कायदा और तालिबान के खिलाफ युद्ध शुरू किया। अक्टूबर 2001 में अफगानिस्तान पर हमला किया गया और नवंबर 2001 में तालिबान सरकार का पतन हुआ। अमेरिका की सेना ने अफगानिस्तान में तालिबान पर कब्जा किया और वहां सैन्य अभियान चलाया।
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सुरक्षा कड़ी करने के लिए ट्रांसपोर्टेशन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (TSA) बनाई गई और एयरपोर्ट पर नियम बढ़ा दिए गए। न्यूयॉर्क का स्टॉक एक्सचेंज लगभग एक हफ्ते बंद रहा। उस समय अल-कायदा का नेतृत्व ओसामा बिन लादेन कर रहे थे, जिन्हें 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नेवी के सील्स ने ढेर कर दिया। आतंकी हमले के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद को 2003 में गिरफ्तार करके ग्वांतानामो बे में कैद कर दिया गया। अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में लगभग 20 साल तक रही, और 2021 में वहां से वापसी के बाद तालिबान की नई सरकार बनी।