सऊदी का UAE को 24 घंटे का अल्टीमेटम, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Middle East Conflict Hindi News: अरब लीग के दो सबसे प्रमुख सदस्य देशों, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच रिश्तों में आई दरार अब युद्ध की कगार पर पहुंच गई है। सऊदी अरब ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को एक बेहद सख्त 24 घंटे का अल्टीमेटम दे डाला है।
सऊदी अरब का स्पष्ट कहना है कि यूएई को 24 घंटे के भीतर यमन से अपने सभी भाड़े के सैनिकों और सेनाओं को वापस बुलाना होगा, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
तनाव की शुरुआत तब हुई जब सऊदी अरब ने यमन के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाही शहर मुकल्ला पर भीषण बमबारी की। सऊदी अरब की सैन्य एजेंसी के अनुसार, उन्होंने यह हमला यूएई द्वारा समर्थित ‘दक्षिणी संक्रमण परिषद’ (STC) के अलगाववादियों को मिल रही सैन्य सहायता को रोकने के लिए किया।
सऊदी का दावा है कि यूएई के फुजैराह बंदरगाह से हथियारों और सैन्य वाहनों से भरे जहाज मुकल्ला पहुंचे थे। इन जहाजों के चालक दल ने पकड़े जाने से बचने के लिए अपने ‘ट्रैकिंग डिवाइस’ तक बंद कर दिए थे।
सऊदी अरब ने यूएई पर आरोप लगाया है कि उसके कार्य “अत्यधिक खतरनाक” हैं और वे सऊदी अरब की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा कर रहे हैं। सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यमन से अपने भाड़े के सैनिकों को वापस बुलाने के लिए आपके पास 24 घंटे का समय है। इसके साथ ही, सऊदी ने यमनी गुटों को दी जाने वाली सभी वित्तीय और सैन्य सहायता तुरंत बंद करने की मांग की है।
इस बीच, यमन के हूती-विरोधी बलों ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। उन्होंने यूएई के साथ अपना सहयोग पूरी तरह समाप्त कर दिया है और सभी अमीराती सेनाओं को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपने क्षेत्रों में सभी सीमा पारगमन, हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर 72 घंटे का कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है।
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यद्यपि सऊदी अरब और यूएई मध्य पूर्व के कई क्षेत्रीय मुद्दों पर एक साथ रहे हैं, लेकिन हाल के वर्षों में आर्थिक प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय राजनीति को लेकर दोनों के बीच मतभेद गहरा गए हैं। कुछ सप्ताह पहले यूएई समर्थित सैनिकों द्वारा सऊदी समर्थित बलों पर किए गए हमलों ने इस तनाव की आग में घी डालने का काम किया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ इसे अरब लीग की स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा मान रहे हैं।