क्लुचेव्स्कॉय ज्वालामुखी (फोटो- सोशल मीडिया)
Russia Volcano Eruption: रूस के सुदूर पूर्वी कामचटका पिछले हफ्ते 8.8 तीव्रता का शाक्तिशाली भूकंप आया था। इसके चलते पिछले 600 सालों से शांत ज्वालामुखी अचानक सक्रिय हो गया है। ज्वालामुखी फटने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। रविवार को रूस की इमरजेंसी सेवा इसकी पुष्टी की।
ज्वालामुखी फटने के बाद आसमान में घने राख के बादल छा गए, जिनकी तस्वीरें रूसी सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई हैं। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के ग्लोबल वोल्कैनिज्म प्रोग्राम के अनुसार, क्राशेनीनिकोव ज्वालामुखी का पिछला विस्फोट वर्ष 1550 में हुआ था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह का विस्फोट न केवल पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। कामचटका क्षेत्र पहले से ही अपने सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्राशेनीनिकोव जैसे पुराने और निष्क्रिय ज्वालामुखी के सक्रिय होने से वैज्ञानिकों भी परेशन हैं। फिलहाल इमरजेंसी सर्विस हालात पर करीबी नजर रख रही है और आसपास के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
🌋 A sleeping giant has awakened in Kamchatka — the first-ever recorded eruption of the Krasheninnikov volcano has begun
The volcano is erupting for the first time since scientists began monitoring it.
The Institute of Volcanology (FEB RAS) confirmed volcanic activity,… pic.twitter.com/8jD0fvFlrb
— NEXTA (@nexta_tv) August 3, 2025
कामचटका इमरजेंसी सर्विस ने अपनी टेलीग्राम पोस्ट में जानकारी दी है कि ज्वालामुखी से निकलने वाली राख का गुबार 6,000 मीटर (19,700 फीट) की ऊंचाई तक पहुंचने की संभावना है। पोस्ट में बताया गया, यह राख का गुबार ज्वालामुखी से पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर की ओर फैल रहा है। अच्छी बात है कि इस ओर कोई आबादी नहीं है और अब तक किसी आबादी वाले क्षेत्र में राख गिरने की कोई सूचना नहीं मिली है।
वहीं, इमरजेंसी सर्विस ने यह भी कहा कि फिलहाल ज्वालामुखी को ‘ऑरेंज’ विमानन खतरे का कोड दिया गया है, जिसका मतलब है कि क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी के कारण इस क्षेत्र में उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।
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विस्फोट बुधवार को हुए एक और ज्वालामुखी विस्फोट के बाद हुआ है। क्लुचेव्स्कॉय ज्वालामुखी, जो यूरोप और एशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। एएफपी के अनुसार, क्लुचेव्स्कॉय में लगातार विस्फोट होते रहते हैं। ग्लोबल वोल्केनिज़्म प्रोग्राम के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 25 सालों में (2000 से अब तक) कम से कम 18 विस्फोट दर्ज किए गए हैं।