तस्वीर में पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग
नई दिल्ली: रूस के कजान शहर में संपन्न हुआ ब्रिक्स समिट काफी सफल माना जा रहा है। रूस ने सोमवार को कहा कि कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से संकेत मिला है कि एक नया रचनात्मक एजेंडा आकार ले रहा है। मॉस्को व्यावहारिक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय समन्वय पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस समूह को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछले सप्ताह हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के परिणामों के बारे में भारत में रूस के राजदूत ने मीडिया को जानकारी दी। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि यह विस्तारित प्रारूप में पहला शिखर सम्मेलन था, जिसमें 35 देशों के नेताओं और छह अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया। जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ-साथ एशियाई, अफ्रीकी और लातिन अमेरिकी देश भी शामिल थे।
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डेनिस अलीपोव ने कहा कि पूरे साल रूस ने लगभग 200 कार्यक्रमों की मेजबानी की जिनमें विदेशी और अन्य क्षेत्रीय मंत्रिस्तरीय बैठकें, संसदीय मंच, एनएसए संवाद, कार्य समूह, सम्मेलन और संगोष्ठी, व्यापार मंच, सांस्कृतिक और फिल्म समारोह, साथ ही खेल, फैशन फोरम और अग्निशमन अभ्यास शामिल हैं।
ब्रिक्स में पांच देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इसमें अब पांच और सदस्य मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हो गए हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के शहर कजान में आयोजित किया गया। कजान मॉस्को से लगभग 900 किलोमीटर पूर्व में है।
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अलीपोव की मीडिया ब्रीफिंग के बाद रूसी दूतावास ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा कि विस्तारित सदस्यता के भीतर मतभेदों के बारे में सभी संदेहों के बावजूद हम काफी सफल रहे। क्योंकि हमारा सबसे बड़ा आदर्श कठिन मुद्दों के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान तलाशना और एक साझा आधार खोजना है।