रूस ने तालिबान को दी औपचारिक मान्यता, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
मास्को: गुरुवार को अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता देने वाला रूस पहला देश बन गया। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अब तक किसी भी देश ने उसकी सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी थी। हालांकि, अब रूस ने यह कदम उठाते हुए तालिबान को अपनी प्रतिबंधित संगठनों की सूची से भी बाहर कर दिया है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसे अफगानिस्तान के नए राजदूत गुल हसन हसन से आधिकारिक मान्यता-पत्र प्राप्त हुआ है। मंत्रालय के अनुसार, अफगान सरकार को मान्यता देना दोनों देशों के बीच “रचनात्मक द्विपक्षीय सहयोग” को बढ़ावा देगा। वहीं, अफगान विदेश मंत्रालय ने इस घटनाक्रम को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने रूस के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह अन्य देशों के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल है।
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद से तालिबान लगातार अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद उन्होंने अफगानिस्तान में इस्लामी कानून को चारो ओर फैलाया।
हालांकि, अब तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। इसके बावजूद, तालिबान ने कई देशों के साथ उच्च स्तरीय बातचीत की है और चीन व संयुक्त अरब अमीरात जैसे कुछ देशों के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने में भी सफल रहा है।
अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद से तालिबान सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी हद तक अलग-थलग पड़ी हुई है, खासकर महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते। तालिबान ने जब 2021 में दोबारा सत्ता संभाली, तो उन्होंने 1996 से 2001 के अपने पहले कार्यकाल की तुलना में अधिक नरम और उदार शासन का भरोसा दिलाया था। लेकिन सत्ता में आने के तुरंत बाद उन्होंने महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए।
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महिलाओं को अधिकांश नौकरियों से निकाल दिया गया, और उन्हें पार्क, सार्वजनिक स्नानगृह और जिम जैसी जगहों पर जाने से भी रोक दिया गया। इसके अलावा, लड़कियों को छठी कक्षा के बाद की पढ़ाई से भी वंचित कर दिया गया।
हाल ही में रूसी अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के लिए तालिबान के साथ संवाद और सहयोग आवश्यक है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए रूस ने अप्रैल में तालिबान पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया। अफगानिस्तान में रूस के राजदूत, दिमित्री झिर्नोव ने सरकारी चैनल पर दिए गए अपने बयान में बताया कि तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता देने का फैसला राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की सलाह पर लिया है।