ट्रंप-जिनपिंग की डील, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
लंदन: अमेरिका और चीन के बीच हाल ही में एक नया व्यापारिक समझौता हुआ है। इस समझौते के अनुसार, अमेरिका चीन से दुर्लभ मृदा खनिज (रेयर अर्थ मिनरल्स) और चुंबक (मैग्नेट्स) आयात करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इस समझौते की घोषणा करते हुए कहा कि इसके बदले में अमेरिका चीन के छात्रों को अपने देश के विश्वविद्यालयों में पढ़ने की अनुमति देगा, जैसा कि पहले से निर्धारित था। साथ ही, इस समझौते में यह भी तय किया गया है कि चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ) बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
यह समझौता उस समय हुआ है जब चीन के शिनजियांग प्रांत में आपूर्ति श्रृंखलाओं के दौरान मजदूरों के साथ जबरदस्ती किए जाने के मामले सामने आए हैं, जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। ‘ग्लोबल राइट्स कंप्लायंस’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि शिनजियांग में खनिजों की खुदाई और प्रसंस्करण के काम में उइगर मुसलमानों तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को बलपूर्वक काम पर लगाया जा रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एवन, वॉलमार्ट, नेस्कैफे, कोका-कोला और शेरविन-विलियम्स जैसी बड़ी कंपनियों पर आरोप लगाए गए हैं कि वे चीन की टाइटेनियम और अन्य खनिज आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी हुई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि शिनजियांग क्षेत्र में 77 कंपनियां टाइटेनियम, लिथियम, बेरिलियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज उद्योगों में काम कर रही हैं, जहां “श्रमिक हस्तांतरण कार्यक्रम” के माध्यम से मजबूरन मजदूरी कराए जाने का खतरा मौजूद है।
चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए जवाब दिया है कि शिनजियांग के संबंध में लगाए गए “जबरन मजदूरी” के आरोप पश्चिमी ताकतों द्वारा गढ़े गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन अपने आंतरिक मामलों में किसी भी बाहरी दखल को स्वीकार नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय ने संबंधित रिपोर्ट को “झूठा प्रचार” करार दिया है।
अमेरिका ने पहले से ही ‘उइगर फोर्स्ड लेबर प्रिवेंशन ऐक्ट’ के माध्यम से शिनजियांग से आने वाले उत्पादों पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं, और अब एल्यूमिनियम तथा समुद्री भोजन जैसी नई श्रेणियों को भी इस सूची में जोड़ा जा रहा है।
अमेरिका और चीन के बीच पारस्परिक आयात शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) को लेकर काफी समय से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि कोरोना महामारी के बाद पहली बार चीन के निर्यात में 34.5 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, चीन द्वारा दुर्लभ खनिज पदार्थों (रेयर अर्थ मैटेरियल्स) की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद 5 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ फोन पर बात की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने जिनेवा में हुई बैठक के दौरान हुए समझौते को लागू करने के लिए एक कार्ययोजना बनाने पर सहमति व्यक्त की।
लंदन में चीन और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच हुए बातचीत के बाद दोनों देशों ने टैरिफ विवाद पर संघर्ष विराम जारी रखने का निर्णय लिया है। साथ ही, चीन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ मटेरियल) की आपूर्ति फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। पहले जिनेवा में हुई वार्ता के दौरान दोनों देशों ने टैरिफ युद्ध रोकने पर सहमति बनाई थी, लेकिन चीन द्वारा खनिज निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से यह समझौता खटाई में पड़ गया था। हालांकि, अब लंदन में हुई ताजा बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच संबंध सुधरते हुए नज़र आ रहे हैं और वार्ता की प्रक्रिया पुनः सामान्य हो रही है।