डोनाल्ड ट्रंप, पुतिन व जेलेंस्की (कॉन्सेप्ट फोटो)
Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को अलास्का में मिले। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच 3 घंटे मीटिंग चली। रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बातचीत के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के थमने के कयास लगाए जा रहे है। अब इसे लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए एक शर्त रखी। फ़ाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन पूर्वी डोनेट्स्क से अपने सैनिकों को हटा ले, तो वे युद्ध समाप्त करने पर विचार करेंगे।
पुतिन ने यह भी संकेत दिया कि अगर उनकी मांगें मान ली जाती हैं, तो वे अपनी सेना को दूसरे मोर्चों पर भी आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बातचीत के बाद ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं को फ़ोन करके पुतिन की मांग से अवगत कराया।
दरअसल, डोनेट्स्क का मुद्दा लंबे समय से विवादित रहा है। रूस पिछले दस सालों से इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण रखता आ रहा है। अगर पुतिन की शर्त मान ली जाती है, तो उन्हें उस क्षेत्र पर पूरा नियंत्रण मिल जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुतिन डोनेट्स्क के बदले एक और प्रस्ताव रख रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें यह क्षेत्र मिल जाता है, तो वे दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन और ज़ापोरिज़िया इलाकों में अपने मोर्चे को स्थिर कर लेंगे। इसका मतलब होगा कि उनकी सेना वहां नए हमले करके और ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश नहीं करेगी।
हालांकि, पुतिन ने ट्रंप को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि संघर्ष समाप्त करने के लिए उनकी सबसे ज़रूरी शर्त अभी भी कायम है। उनका कहना है कि नाटो (NATO) को पूर्व की ओर और आगे नहीं बढ़ना चाहिए। यानी यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होने देना चाहिए। पुतिन ने कहा कि अगर उन्हें इस बात का आश्वासन दिया जाता है, तो वे बाकी मुद्दों पर समझौता करने को तैयार हैं।
फ़िलहाल स्थिति यह है कि डोनेट्स्क के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से पर रूस का नियंत्रण है। यूक्रेन के पास अभी भी इस क्षेत्र के पश्चिमी हिस्से में कुछ बड़े शहर हैं, जो उसकी सैन्य और सुरक्षा रणनीति के लिए अहम माने जाते हैं।
दूसरी ओर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने साफ़ कह दिया है कि वह रूस के साथ किसी भी तरह की ‘भूमि अदला-बदली’ स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का दूसरा विभाजन किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। ज़ेलेंस्की सोमवार को वाशिंगटन में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे, जहां यह मुद्दा उठ सकता है।
डोनेट्स्क यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में स्थित एक इलाका है, जिसे डोनबास क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। यह इलाका कोयला खदानों और भारी उद्योगों के लिए जाना जाता है और आर्थिक रूप से यूक्रेन के सबसे समृद्ध इलाकों में गिना जाता था।
डोनेट्स्क 2014 तक यूक्रेन के पूर्ण नियंत्रण में था। उसी साल रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया, जिसके बाद डोनबास क्षेत्र (डोनेट्स्क और लुहान्स्क) में रूस समर्थक अलगाववादी समूहों ने विद्रोह कर दिया। तब से यहाँ लगातार लड़ाई चल रही है।
वर्तमान में, रूस समर्थित विद्रोहियों ने डोनेट्स्क के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर रखा है। उन्होंने खुद को एक अलग देश ‘डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’ (DPR) घोषित कर दिया है। हालांकि, रूस के अलावा कुछ ही देश इसे मान्यता देते हैं।
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जब रूस ने 2022 में यूक्रेन पर एक बड़ा हमला किया, तो डोनेट्स्क युद्धक्षेत्र बन गया। रूसी सेना और अलगाववादियों ने धीरे-धीरे इस क्षेत्र के ज़्यादा हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया। आज स्थिति यह है कि डोनेट्स्क के लगभग 70% हिस्से पर रूस का नियंत्रण है, जबकि यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में कुछ ही शहर और कस्बे बचे हैं।
डोनेट्स्क भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से रूस बाकी यूक्रेन पर आसानी से दबाव बना सकता है। उद्योग और खनिज संसाधनों के कारण यह आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। डोनेट्स्क पर कब्ज़ा होने का मतलब है कि यूक्रेन के पूर्वी मोर्चे पर रूस की स्थिति मज़बूत होगी।