पीओके में छात्र प्रदर्शन (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pok Student Protest: पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन उस समय हिंसक रूप धारण कर लिया, जब कुछ संदिग्ध व्यक्तियों ने छात्रों पर गोलीबारी की। बताया जा रहा है कि सभी संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े थे। इस गोलीबारी में एक छात्र घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राजा मामून फहद नामक व्यक्ति ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और घटनास्थल से फरार हो गया।
यह घटना एजेके (पीओके) पुलिस की मौजूदगी में हुई, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। इस हमले ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को सीधे चुनौती दी और वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए।
#BREAKING: Peaceful protest led by the students of the University of Pakistan Occupied Jammu and Kashmir took a deadly turn after some individuals backed by Pakistani ISI opened direct fire, injuring one student. According to eyewitnesses, during the protest, a person named Raja… pic.twitter.com/GVALsrrjBj — Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 4, 2025
इससे पहले, इसी साल अगस्त में पीओके में पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसने क्षेत्र में भूचाल ला दिया था। ये प्रदर्शन संयुक्त अवामी एक्शन कमिटी (JAAC) के नेतृत्व तब में तेज हुए, जब हजारों लोग सड़कों पर उतरे। मुजफ्फराबाद, डैडयाल, बाघ, रावलकोट और पूंछ जैसे जिलों में हड़ताल और लॉन्ग मार्च ने जनजीवन को ठप कर दिया। प्रदर्शनकारियों के 38-सूत्री मांग-पत्र में सस्ता आटा, बिजली दरों में कमी, प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय अधिकार, और शरणार्थियों के लिए आरक्षित सीटों को समाप्त करने की मांगें शामिल थीं।
🚨 Chaos in PoK :-
Shots fired during student protests — arson and vandalism reported in several areas.⚡ The core issues behind the university students’ demonstrations:Lack of transportation, deteriorating hospitals, and continuously rising university fees -prompting students… pic.twitter.com/9JVyKdSZFA — THE UNKNOWN MAN (@Theunk13) November 4, 2025
आर्थिक संकट, भ्रष्टाचार और सैन्य दमन के कारण यह आंदोलन उभरा। पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था ने पीओके के निवासियों को महंगाई और बेरोजगारी के संकट में डाल दिया। सैन्यीकरण की नीति ने असंतोष को बढ़ाया, और प्रदर्शनकारियों ने ‘पाकिस्तानी सेना मुर्दाबाद’ और ‘कश्मीर हमारा है, फैसला हम करेंगे’ जैसे नारे लगाए। कुछ युवाओं ने सेना के वाहनों को आग लगाई और सैनिकों पर हमले किए।
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पाकिस्तानी सेना ने क्रूर तरीके से इसका जवाब दिया। 1-2 अक्टूबर को मुजफ्फराबाद में गोलीबारी में 12 नागरिक मारे गए और 200 से अधिक घायल हुए। इंटरनेट और संचार पर प्रतिबंध लगाया गया। 4 अक्टूबर को पाक सरकार ने समझौता किया, जिसमें सब्सिडी, बिजली सुधार और मृतकों के लिए मुआवजा शामिल था, लेकिन शक बरकरार है। भारत ने इसे पाकिस्तान के अवैध कब्जे का परिणाम बताया। वैश्विक स्तर पर ब्रिटिश कश्मीरियों ने बर्मिंघम में विरोध जताया।