BRICS में पीएम मोदी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
रियो डी जेनेरियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि आतंकवाद का शिकार होने वालों और आतंक का समर्थन करने वालों के बीच कोई समानता नहीं की जा सकती। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए किसी भी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। शांति और सुरक्षा पर केंद्रित सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम में हुआ ‘कायराना’ आतंकी हमला भारत की आत्मा, उसकी पहचान और गरिमा पर सीधा प्रहार है।
“उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह हमला केवल भारत के खिलाफ नहीं था, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति पर किया गया एक गहरा आघात था। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद की निंदा करना हमारा स्थायी और अडिग सिद्धांत होना चाहिए, न कि परिस्थितियों के अनुसार लिया गया निर्णय। यदि हम आतंकवादी हमले पर प्रतिक्रिया देने से पहले यह सोचें कि यह किस देश में हुआ या किसके खिलाफ हुआ, तो यह मानवता के साथ एक बड़ा धोखा होगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में किसी भी तरह की झिझक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के शिकार लोगों और आतंक का समर्थन करने वालों को एक जैसी नजर से देखना न्यायसंगत नहीं है।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद से जुड़े मामलों में हमारे शब्दों और कार्यों में कोई विरोधाभास नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि अगर हम अपने कथन और व्यवहार में अंतर दिखा रहे हैं, तो क्या हम वास्तव में आतंकवाद के खिलाफ गंभीर लड़ाई लड़ रहे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के समर्थन में सामने आए मित्र देशों के प्रति आभार व्यक्त की। इस हमले में 26 आम नागरिकों की जान गई थी। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने गाजा की स्थिति को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गाजा में मानवता की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।