प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोहम्मद मुइज्जू (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Modi Meets Mohamed Muizzu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे के लिए चीन के तियानजिन शहर में है। जहां वो शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होगें। इस दौरान उन्होंने रविवार को उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई। इसके अलावा, उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की, जिसमें दोनों नेता एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से उपयोगी बातचीत हुई। भारत और मालदीव के बीच विकास सहयोग दोनों देशों के नागरिकों के लिए फायदेमंद है।”
मुइज्जू जब मालदीव के राष्ट्रपति बने थे, तब भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई थी। मुइज्जू ने अपने चुनावी रैली के दौरान इंडिया आउट का नारा दिया था और चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने कई भारत विरोधी फैसले लिए। जिसमें भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस भेजना शामिल था। इसके बाद वे चीन के करीब जाने लगे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलकर करीब 20 समझौते किए। साथ ही उनके कुछ मंत्रियों ने भारत विरोधी बयान दिए, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए।
लेकिन जब भारतीय पर्यटकों ने मालदीव जाना बंद किया, तो देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ। तब मुइज्जू को भारत की अहमियत समझ आई। पीएम मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मुइज्जू शपथग्रहण समारोह में भारत आए और फिर कुछ समय पहले मोदी भी मालदीव गए। अब भारत और मालदीव के रिश्ते दोबारा बेहतर हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी इसी साल 25-26 जुलाई को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। जहां राजधानी माले में उनका भव्य स्वागत हुए। राष्ट्रपति मुइज्जू खुद अपनी आधी पार्लियामेंट के साथ एयर पोर्ट पर स्वागत करने गए थे। जहां पीएम मोदी और मुइज्जू ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया था।
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था। भारत ने कोविड महामारी के बाद मालदीव की चरमराती अर्थव्याव्सथा को स्थिर करने के लिए करोड़ो का लोन दिया था। साथ ही कई रक्षा उपकरण तोहफे के तौर पर दिए थे। इसके बाद मुइज्जू का नजरिए बदला और उन्होंने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने पर काम किया।