प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बैंकॉक पहुंचे, जहां वे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन शुक्रवार को होगा, जिसमें बंगाल की खाड़ी में उभरती चुनौतियों और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, पीएम मोदी की सम्मेलन से इतर कुछ सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात भी निर्धारित है। इनमें ऐसे नेता भी शामिल हैं, जो भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े माने जाते हैं। ऐसे में, जानें कि पीएम मोदी किन-किन राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली और म्यांमार के सेना प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, भारत सरकार की ओर से अब तक इन बैठकों को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के नेता मोहम्मद यूनुस के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश की सत्ता संभाली थी। इसके बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है।
भारत को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर हो रहे हमलों, सीमा पर बाड़ लगाने और जल संसाधनों के बंटवारे से जुड़ी समस्याओं को लेकर चिंता है। साथ ही, यूनुस ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंध मजबूत किए हैं, जिससे भारत की स्थिति प्रभावित हुई है। इसके अलावा, उन्होंने चीन यात्रा के दौरान भारत को लेकर विवादास्पद बयान भी दिया, जिससे दोनों देशों के बीच मतभेद और गहरा गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक यूनुस के साथ होने के अलावा, वे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात करेंगे। यह ओली के साथ उनकी दूसरी बैठक होगी। इससे पहले, पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।
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इस समय ओली नेपाल में राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शनों के चलते दबाव में हैं। हालांकि उन्होंने अब तक भारत का दौरा नहीं किया है, लेकिन दिसंबर 2024 में वे चार दिनों के लिए चीन गए थे। वहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी।
यूनुस और ओली, दोनों ने परंपरागत रूप से पहले भारत की यात्रा करने की परंपरा को तोड़ते हुए, पहले चीन का दौरा किया। ओली को खुले तौर पर भारत-विरोधी रुख रखने वाला नेता माना जाता है। उनके पिछले कार्यकाल के दौरान, नेपाल ने एक विवादास्पद नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कुछ क्षेत्रों को शामिल किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग के साथ तीसरी द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है। फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार की सत्ता जुंटा के हाथों में है, जिससे वहां गृहयुद्ध छिड़ गया है। इस संघर्ष के कारण भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।
इसके अलावा, म्यांमार की मौजूदा सरकार का झुकाव चीन की ओर अधिक है, जिससे इस क्षेत्र में चीन का प्रभाव भी बढ़ गया है। भारत के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि चीन ने अपनी परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए म्यांमार में निजी सेना तक तैनात कर दी है। साथ ही, जुंटा शासन के दौरान भारत समर्थित विकास परियोजनाओं में भी काफी देरी हुई है।