पीएम मोदी और जॉर्डन में भारत के राजदूत मनीष चौहान (सोर्स- सोशल मीडिया)
India Jordan trade focus: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 और 16 दिसंबर को जॉर्डन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक मौके पर हो रही है। जॉर्डन में भारत के राजदूत मनीष चौहान ने विश्वास जताया है कि यह दौरा पहले से ही मजबूत बहुआयामी साझेदारी को और ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह यात्रा द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर संवाद को गति देने के उद्देश्य से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर अम्मान जा रहे हैं। राजदूत मनीष चौहान ने इस यात्रा को भारत-जॉर्डन संबंधों में एक अहम पड़ाव बताया है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का अवसर है। उन्होंने कहा कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति और दिशा देगा, जिससे साझेदारी और अधिक मजबूत होगी। राजदूत ने आशा व्यक्त की है कि यह यात्रा अत्यधिक सफल होगी और दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा करेगी।
दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहने वाला है। वह जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। इसके अलावा, युवराज हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय से भी उनकी मुलाकात प्रस्तावित है। अम्मान पहुंचने पर जॉर्डन के प्रधानमंत्री द्वारा उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा।
राजदूत चौहान के अनुसार, यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य आर्थिक सहयोग बढ़ाना है। प्रधानमंत्री जॉर्डन के प्रमुख उद्योगपतियों और व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष सत्र में हिस्सा लेंगे। भारत पहले से ही जॉर्डन के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 3 अरब डॉलर तक पहुंच रहा है, जिसे और आगे बढ़ाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। जॉर्डन से भारत को उर्वरकों (Fertilizers) का आयात होता है, जो भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
कूटनीतिक और आर्थिक चर्चाओं के अलावा, यह यात्रा सांस्कृतिक संबंधों पर भी जोर देगी। प्रधानमंत्री मोदी युवराज हुसैन के साथ जॉर्डन के ऐतिहासिक शहर पेट्रा का दौरा करेंगे। यह कदम दोनों देशों के बीच सभ्यतागत और सांस्कृतिक जुड़ाव को रेखांकित करता है।
राजदूत ने ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ (भारत के मित्र) समूह का भी उल्लेख किया, जिसमें कई जॉर्डनवासी शामिल हैं जिन्होंने भारत में शिक्षा प्राप्त की है और आज भी व्यक्तिगत व पेशेवर संबंध बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन में रहने वाले भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात कर सकते हैं, जो वहां सक्रिय रूप से अपना योगदान दे रहा है। रॉयल जॉर्डनियन एयरलाइंस द्वारा सीधी उड़ानों की शुरुआत से दोनों देशों के बीच संपर्क और भी मजबूत हुआ है, जिससे भविष्य में पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ने की उम्मीद है।
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उच्च स्तरीय बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं के साथ-साथ वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी गहन चर्चा होने की संभावना है। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के आपसी हितों को मजबूत करेगी, बल्कि मध्य-पूर्व और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए भी सहयोग के नए रास्ते खोलेगी।