त्रिनिदाद में PM मोदी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला को “बिहार की बेटी” कहा। उन्होंने बताया कि कमला जी के पूर्वज भारत के बिहार राज्य के बक्सर जिले से थे और वे स्वयं वहां जाकर आई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लोग उन्हें गर्व से ‘बिहार की बेटी’ मानते हैं, और यहां मौजूद बहुत से लोग बिहार से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की विरासत न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व का विषय है। चाहे वह लोकतंत्र, राजनीति, कूटनीति और उच्च शिक्षा जैसे तमाम क्षेत्रों में विश्व को दिशा दिखाई है। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि 21वीं सदी में भी बिहार की भूमि से नए विचार, नई प्रेरणाएं के अवसर निकलते रहेंगे।
Port of Spain, Trinidad and Tobago: Prime Minister Narendra Modi says, “…The people of India regard Prime Minister Kamla as a daughter of Bihar, as many of her ancestors trace their roots to that sacred land. The heritage of Bihar, along with that of India, is a matter of pride… pic.twitter.com/R7HQbNyEgG
— IANS (@ians_india) July 4, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में जब मैं इस मनोहर भूमि पर आया, जहां हमेशा पक्षियों की मधुर ध्वनि गूंजती रहती है, तो मेरा पहला संवाद यहां बसे भारतीय मूल के भाई-बहनों से हुआ। यह मेरे लिए एक स्वाभाविक अनुभव रहा, क्योंकि हम सभी एक ही परिवार का हिस्सा हैं। त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा एक प्रेरणादायक और साहसिक कहानी है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं पिछली बार यहां आया था, उस पल से अब तक करीब 25 वर्ष बीत चुके हैं। इन वर्षों में हमारे आपसी संबंध और भी प्रगाढ़ हुए हैं। भारत के शहर जैसे बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली भले ही भारत में स्थित हैं, लेकिन यहां की गलियों और स्थानों के नाम इन्हीं शहरों की याद दिलाते हैं। नवरात्र, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी जैसे पर्व यहां भी पूरे जोश और श्रद्धा से मनाए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “यहां मुझे कई परिचित चेहरे बड़ी गर्मजोशी से दिख रहे हैं। मैं युवाओं की आंखों में चमक और सीखने की ललक को महसूस कर सकता हूं। वे एक-दूसरे से जुड़ने और साथ मिलकर प्रगति करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। हमारा संबंध न तो सिर्फ सीमाओं तक सीमित है और न ही पीढ़ियों तक यह उससे कहीं अधिक व्यापक और गहरा है।