सांकेतिक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में गुरुवार को आतंकवादियों ने प्राइवेट कंपनी के 11 कर्मचारियों को अगवा कर लिया। इस घटना की पुष्टि आधिकारिक सूत्रों ने की है। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संदिग्धों का पीछा किया और 6 कर्मचारियों को सुरक्षित बचा लिया। फिलहाल सुरक्षा बल इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं।
घटना की जैसे ही सूचना मिली, डेरा इस्माइल खान के जिला पुलिस अधीक्षक और आतंकवाद निरोधक विभाग के एसपी शकील खान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तलाश अभियान शुरू किया। बाकी बचे पांच बंधकों की रिहाई और संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।
वाहन में सवार होकर प्राइवेट कंपनी के ये कर्मचारी इस्लामाबाद से क्वेटा जा रहे थे, तभी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में दोमांडा ब्रिज के पास उनका अपहरण कर लिया गया। फिलहाल अभी तक किसी संगठन ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। इसी तरह, अफगान सीमा से लगे खैबर जिले की तिराह घाटी में एक अन्य घटना के दौरान स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी सेना के एक जवान के अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया। डेरा इस्माइल खान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का मजबूत ठिकाना माना जाता है। हाल के दिनों में यहां आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है।
बुधवार को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अफगानिस्तान की सीमा से सटे उत्तर-पश्चिमी कबायली क्षेत्र में एक खुफिया सूचना के आधार पर अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में 14 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) द्वारा जारी बयान के मुताबिक, सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसके बाद यह कार्रवाई संभव हो सकी।
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टीटीपी की जड़ें अफगानिस्तान के तालिबान आंदोलन से जुड़ी हुई मानी जाती हैं, लेकिन यह संगठन पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से सक्रिय है। इसका गठन दक्षिण वजीरिस्तान के प्रभावशाली नेता बैतुल्लाह महसूद ने किया था। यह कई छोटे और बड़े उग्रवादी गुटों के गठबंधन के रूप में काम करता है। साल 2020 के बाद इस संगठन ने पहले से बिखरे हुए कई गुटों को दोबारा एकजुट किया है।
पिछले कुछ वर्षों में टीटीपी की हिंसक गतिविधियों में खासा इजाफा हुआ है। खासकर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान इलाकों में इसकी मौजूदगी और हमलों की संख्या बढ़ी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)