सांकेतिक तस्वीर
Pakistan India War School Curriculum Controversy: पाकिस्तानी सरकार ने देश के स्कूलों की किताबों में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। नई स्कूल किताबों में मई 2025 में भारत के साथ हुए चार दिन के संघर्ष को शामिल किया है। हालांकि पाकिस्तान ने अपनी सहूलियत के हिसाब तथ्यों को पेश किया है। जिसमें पाकिस्तान को विजेता और भारत को आक्रामक दिखाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के स्कूलों में बच्चों के पढ़ने वाला है कि भारत ने झूठा आरोप लगाकर हमला किया। जिसकी पाकिस्तान की सेना बहादूरी से जवाब दिया और भारत के 26 सैन्य ठिकानों पर बमबारी करके उसे तबाह कर दिया। इसके अलावा पाकिस्तान ने पांच बड़े दावे किए है, जिसका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।
पाकिस्तानी किताबों के मुताबित भारत ने 7 मई 2025 को बिना किसी कारण पाकिस्तान पर हमला किया और कश्मीर के पहलगाम हमले का झूठा बहाना बनाया। जबकि वास्तव में 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या की थी। इसी के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया और नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। भारत ने न तो पाकिस्तानी सेना पर हमला किया और न ही नागरिक इलाकों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान सरकार ने किताबों में दावा है कि पाकिस्तानी सेना ने चार भारतीय राफेल जेट गिरा दिए और कई सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया। हालांकि पाकिस्तान ने आज तक अपने दावे को लेकर कोई भी सबूत नहीं दिया है। भारत ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान जवाब देगा तो कड़ी कार्रवाई होगी। इसके बावजूद पाकिस्तान ने अमृतसर जम्मू और श्रीनगर समेत कई शहरों में ड्रोन हमले किए जिनमें नागरिक इलाके प्रभावित हुए। इसके जवाब में भारत ने लाहौर के HQ9 एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया और सियालकोट व इस्लामाबाद में भी कार्रवाई की।
Pakistani version of the recent events in a text book. pic.twitter.com/bs37Rm9asL — Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) July 29, 2025
पाकिस्तान का दावा है कि उसने 10 मई को ऑपरेशन बनयान उन मर्सूस के तहत भारतीय वायुसेना के 26 अहम ठिकाने तबाह कर दिए। जबकि असल में उसका उल्टा हुआ था, पाकिस्तान के हमलों को भारतीय एयर डिफेंस ने नाकाम कर दिया। साथ भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस मुरीदके नूर खान रफीकी सरगोधा चकलाला और रहीम यार खान पर हमले किए। यहां तक कि भारत ने रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय को भी निशाना बनाया था। जिसके सबूत हाल ही में सेटेलाइट तस्वीरों से भी हो चूका है।
किताबों में यह भी लिखा गया है कि भारत को भारी नुकसान के बाद युद्ध रोकने की अपील करनी पड़ी और पाकिस्तान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सलाह पर सीजफायर स्वीकार किया। वहीं सच इसके बिल्कुल विपरीत है। भारत ने कभी भी किसी भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया। ये बात हाल ही में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी स्वीकार की है।
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पाकिस्तानी किताबों में जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया जाना युद्ध की बड़ी उपलब्धि बताया गया है। हालांकि यह फैसला युद्ध के नतीजे से ज्यादा राजनीतिक और प्रचार का हिस्सा था। इस रैंक का मकसद पाकिस्तान की जनता को जीत का संदेश देना और सेना की ताकत को बढ़ावा देना था।