शहबाज शरीफ, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Saudi Arabia Pakistan Deal: पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता करके यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों को चुनौती दे दी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि हूती विद्रोही सऊदी अरब के सबसे बड़े विरोधी माने जाते हैं और सऊदी का पूरा सुरक्षा ढांचा इन्हीं की वजह से तैयार किया गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान इस डील के बाद सऊदी की मदद के लिए हूतियों के खिलाफ सीधे संघर्ष में उतर सकता है, जबकि अमेरिका और इजरायल जैसे बड़े देश भी इस समूह से सीधे टकराने से बचते हैं।
हूती विद्रोहियों की हरकतों ने इजरायल और अमेरिका दोनों को परेशान कर दिया है। साल की शुरुआत में अमेरिका ने हूतियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई थी, लेकिन जब हूतियों ने उसके 50 मिलियन डॉलर के हथियार नष्ट कर दिए, तो अमेरिका को उनके साथ डील करनी पड़ी।
इजरायल हर दिन हूतियों के एक या दो मिसाइल हमले झेल रहा है। हिजबुल्लाह और हमास जैसी ताकतों को कमजोर करने वाला इजरायल अब हूतियों के सामने कमजोर दिखाई दे रहा है। इजरायल की कई कोशिशें हूतियों पर हमला करने की अब तक नाकाम रही हैं। हूति हमलों के कारण इजरायल के व्यापार पर भी असर पड़ा है। उसके इयालेट पोर्ट पर कम जहाज पहुंच रहे हैं और रक्षा खर्च बढ़ गया है। हाल ही में इजरायल ने हूतियों से निपटने के लिए दुनियाभर से मदद मांगी थी।
लाल सागर पर हूतियों का प्रभाव है, जहां से पाकिस्तान भी व्यापार करता है। पाकिस्तान का लगभग 35 लाख करोड़ रुपए का कारोबार इसी मार्ग से होता है। हूतियों से टकराव होने पर यह सीधे नुकसान में बदल सकता है। पाकिस्तान ईरान का पड़ोसी है और हूतियों को ईरान का समर्थन मिलता है। अगर पाकिस्तान हूतियों के साथ टकराएगा तो उसके और ईरान के रिश्ते खराब हो सकते हैं। पाकिस्तान और ईरान के बीच लगभग 900 किमी की सीमा है, इसलिए यह चिंता बढ़ाने वाला मामला है।
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1990 से 2013 तक यमन में हूतियों का विद्रोह चला जिसने सऊदी समर्थित सरकार को हटा दिया। 2013 में हूतियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया। सऊदी के लिए यह बड़ा झटका था क्योंकि हूतियों को ईरान का समर्थन मिला। सऊदी ने सना में अपनी सरकार बनाने की कई कोशिशें कीं, लेकिन असफल रहा। उलटे हूतियों ने सऊदी के तेल ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए। 2023 में दोनों के बीच सीजफायर हुआ, लेकिन अब रिश्ते फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। सऊदी ने हूतियों से निपटने के लिए अमेरिका से हथियार खरीदे हैं।