
इमरान खान, (डिजाइन एआई फोटो )
Imran Khan Missing Mystery: पाकिस्तान की राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर चरम पर है। पूर्व प्रधानमंत्री और PTI प्रमुख इमरान खान बीते तीन हफ्तों से अदियाला जेल में बंद हैं और उनके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ रही।
परिवार और पार्टी का दावा है कि सरकार कुछ छिपा रही है और वे इमरान के “जिंदा होने के सबूत” मांग रहे हैं। इसी बीच, KP के मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी ने इमरान खान के परिवार और समर्थकों के साथ जेल के बाहर रातभर धरना दिया, जिसने केंद्र सरकार को परेशान कर दिया है।
अब खबर है कि शहबाज शरीफ की सरकार खैबर पख्तूनख्वा (KP) में गवर्नर का शासन लागू करने पर विचार कर रही है। पाकिस्तान के जूनियर कानून और न्याय मंत्री बैरिस्टर अकील मलिक ने कहा कि संविधान गवर्नर राज लगाने का रास्ता देता है और यह तभी लागू किया जाता है जब “स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो।”
मलिक के अनुसार KP की स्थिति अब ऐसे कदम की मांग कर रही है ताकि प्रशासनिक ढांचा टूटने न पाए। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लेंगे। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 232 और 234 के तहत प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति दोनों गवर्नर राज लागू कर सकते हैं। शुरुआत में इसे दो महीनों के लिए लागू किया जा सकता है, जिसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अनुच्छेद 234 के तहत यदि आवश्यक हो तो गवर्नर खुद भी केंद्र को सिफारिश भेज सकते हैं, हालांकि मलिक ने इसे फिलहाल एक विकल्प बताया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि KP सरकार “रास्ते बंद करने” और प्रांत को “देश के बाकी हिस्सों से काटने” की योजना बना रही है।
हालांकि KP के गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने इन अटकलों को खारिज किया है, लेकिन साथ ही कहा कि अगर पार्टी ऐसा निर्णय लेती है तो वे इसका पालन करेंगे। इस संभावित कदम के खिलाफ KP में जनता की नाखुशी बढ़ने लगी है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने चेतावनी दी है कि गवर्नर राज की कोशिश का बड़ा राजनीतिक परिणाम होगा।
पाकिस्तान के पत्रकार इमरान रियाज खान ने चेतावनी देते हुए कहा कि KP में PTI सरकार “इस्टैब्लिशमेंट की लाइफलाइफ” है। अगर यहां गवर्नर राज लगाया गया, तो ऐसी आग भड़केगी जिसे कोई नहीं बुझा सकेगा।
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पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी और उसके बाद उनकी स्थिति को लेकर लगातार सस्पेंस बना हुआ है। KP सरकार के सख्त रुख और केंद्र की संभावित कार्रवाई ने राजनीतिक संकट को और गहरा कर दिया है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान की राजनीति में बड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं।






