गिलगित-बाल्टिस्तान के घीजर जिले में तबाही के मंजर (फोटो- सोशल मीडिया)
Pakistan Baltistan Disaster: गिलगित-बाल्टिस्तान के घीजर जिले में शनिवार को अचानक ग्लेशियर फटने से भारी तबाही मच गई है। इस दैवीय आपदा ने कई गांवों को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया और करीब 300 से अधिक घर पानी में डूबे हुए हैं। अचानक आई बाढ़ के कारण इलाके में भूस्खलन हुआ और एक नई झील की तरह निर्माण हो गया। राहत की बात यह है कि अब तक किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन हालात गंभीर बने हुए हैं और प्रशासन राहत कार्य में जुटा है।
पाकिस्तान पहले से ही तमाम तरह की आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा था, वहीं अब यह प्राकृतिक आपदा हालात को और खराब कर रही है। घीजर में आई बाढ़ ने रौशन और तिलदास गांवों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, रौशन गांव का 80 फीसदी हिस्सा बह गया। भूस्खलन के कारण सड़कों का संपर्क टूट गया, जिससे कई गांवों से नेटवर्क भी खत्म हो गया। प्रशासन ने बताया कि तिलदास, मिदुरी, मुलाबाद, हॉक्स थांगी, रौशन और गॉथ गांवों में कुल 330 घर प्रभावित हुए और दर्जनों दुकानों को नुकसान पहुंचा।
Glacier outburst flood blocked Ghizer river, put residents living near bank of the river at risk, the stranded people in flood managed to cross, flood damaged Talidas village. pic.twitter.com/FsYbvDxL8f
— Jamil Nagri (@jamilnagri) August 22, 2025
घीजर के वरिष्ठ अधिकारी शेर अफजल ने चेतावनी दी कि रौशन में प्राकृतिक बांध अस्थिर है और दबाव में टूट सकता है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) ने उच्च सतर्कता जारी रखते हुए कहा है कि शनिवार, 23 अगस्त से भारी बारिश की संभावना है, जिससे खतरा फिर बढ़ सकता है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस मौसम में गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में यह ग्लेशियर झील विस्फोट बाढ़ की पांचवीं घटना है। पहले की चार घटनाओं ने घरों, फसलों और सड़कों को भयंकर नुकसान पहुंचाया है।
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जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, विकराल स्थिति से आपसे आप बनीं कृत्रिम झील से अब जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिससे आगे के नुकसान का खतरा घटा है। गुपिस यासीन के अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) यासीन ने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए तंबू, खाद्य आपूर्ति और राहत सामग्री की सख्त जरूरत है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया कि स्पिलवे खुलने के बाद हजारों अतिरिक्त घरों में बाढ़ का खतरा टल गया। हालांकि कुछ ऊपरी इलाकों के घर अभी भी पानी में डूबे हैं।