शहबाज सरकार बदल रही संविधान, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Pakistan Article 243 Amendment: पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। देश के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को हाल ही में फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट किया गया है जो पाकिस्तान के इतिहास में एक अभूतपूर्व फैसला माना जा रहा है। इस प्रमोशन के बाद आसिम मुनीर अब देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन गए हैं।
अब खबर है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार उन्हें और अधिक अधिकार देने के लिए पाकिस्तान के संविधान में संशोधन करने जा रही है। यह 27वां संविधान संशोधन होगा। इसका खुलासा खुद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक्स पर किया है। उन्होंने बताया कि शहबाज शरीफ ने उनकी पार्टी से इस संशोधन पर समर्थन मांगा है।
पूर्व सांसद मुस्तफा नवाज खोखर ने भी इस संशोधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि 27वें संशोधन का असली उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 243 में बदलाव करना है, जो सशस्त्र बलों के नियंत्रण, कमान और सेवा प्रमुखों की नियुक्ति से संबंधित है। बाकी सब बातें सिर्फ दिखावा हैं।
जानकारी के मुताबिक, संशोधन प्रस्ताव में संवैधानिक अदालतों और जजों के ट्रांसफर से जुड़े प्रावधानों में भी बदलाव किया जाएगा। लेकिन असली फोकस अनुच्छेद 243 पर ही है, जिसे संशोधित कर फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की शक्तियां और कार्यकाल दोनों बढ़ाए जा सकते हैं कानून राज्य मंत्री अकील मलिक ने जियो न्यूज से कहा कि 1973 के संविधान लागू होने के बाद यह पहली बार है जब किसी अधिकारी को फील्ड मार्शल बनाया गया है। संवैधानिक व्यवस्था में इस पर विचार किया जाना जरूरी है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का पद संविधान में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद, इस पद पर प्रमोशन से आसिम मुनीर की स्थिति किसी भी सिविल अथॉरिटी से ऊपर मानी जा रही है। जानकारों का कहना है कि शहबाज शरीफ सरकार का यह कदम न केवल सेना और सियासत के बीच शक्ति संतुलन को बदल सकता है, बल्कि आने वाले समय में पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन सकता है।
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आसिम मुनीर आधिकारिक रूप से 28 नवंबर 2025 को रिटायर होने वाले हैं, लेकिन इस संशोधन के बाद उनका कार्यकाल बढ़ाया जाना लगभग तय माना जा रहा है। इस कदम को पाकिस्तान की राजनीति में सैन्य वर्चस्व के नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।