पाक पीएम शहबाज शरीफ के साथ रक्षा मंत्री शहबाज शरीफ (फोटो- सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: भारतीय सशस्त्र बलों के हमले से पाकिस्तान में हलचल मची हुई है। पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ हमला करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन के हर हमले को नाकाम कर रहे हैं। एक तरफ जहां भारतीय सशस्त्र बल एक साथ मिलकर पाकिस्तान पर ड्रोन अटैक करके आतंकियों को मार रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के नेता एक घटना को लेकर अलग-अलग बयान देकर खुद ही अपनी पोल खोलने में लगे हुए हैं।
भारत की ओर से किए गए ड्रोन हमले को लेकर पाकिस्तान की ओर से तीन अलग-अलग बयान सामने आए। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के प्रमुख ने तीन अलग-अलग बयान दिए, जो एक-दूसरे से मेल नहीं खाते थे। यह दिखाता है कि पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में तालमेल की कितनी कमी है।
भारत की ओर से 8 मई को किए गए ड्रोन हमले को लेकर पहला बयान पाकिस्तान ISPR प्रमुख ने दिया। ISPR प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने अपने बयान में दावा किया कि भारत की ओर से भेजे गए सभी ड्रोन को मार गिरा दिया गया। यह बयान पाकिस्तान की तरफ से भारत के ड्रोन हमले पर पूर्ण रूप से प्रतिक्रिया देने का संकेत था।
Pakistani army is admitting that India entered 1100 kilometres inside Pakistan territory unchecked , did several drone attacks and went back… the Chinese radars failed to intercept 😂#IndiaPakistanWar #OperationSindoor pic.twitter.com/etGPRQopS6
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) May 8, 2025
दूसरा बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का था। ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत के ड्रोन 35,000 फीट की ऊंचाई से आ रहे थे। इनमें निश्चित रूप से कुछ उन्नत तकनीकी क्षमता थी, शायद ये स्टील्थ जैसी तकनीक से लैस थे। आसिफ का बयान इस तरफ इशारा करता है कि पाकिस्तान के पास भारत के ड्रोन अटैक का कोई जवाब नहीं था।
Pakistani army is admitting that India entered 1100 kilometres inside Pakistan territory unchecked , did several drone attacks and went back… the Chinese radars failed to intercept 😂#IndiaPakistanWar #OperationSindoor pic.twitter.com/etGPRQopS6
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पाकिस्तान का तीसरा बयान भी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से ही आया। जहां उन्होंने पहले भारतीय ड्रोन को शक्तिशाली बताया था, वहीं कुछ ही घंटों बाद संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर भारतीय ड्रोन को इंटरसेप्ट नहीं किया, क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि भारत को हमारे ठिकानों से जुड़ी जानकारी के बारे में पता चले।