पाकिस्तान में लोग कर रहे आजादी की मांग, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत बलूचिस्तान जल्द ही आजादी की राह पकड़ सकता है। केवल बलूचिस्तान ही नहीं, बल्कि सीमावर्ती खैबर पख्तूनख्वा प्रांत भी पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से निजात पा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो पाकिस्तान के तीन हिस्सों में बंटने की आशंका प्रबल हो जाएगी। इसके बाद केवल सिंध और पंजाब ही शेष बचेंगे, जहां स्वतंत्रता की लौ पहले ही सुलग रही है।
इसका उदाहरण हाल ही में वजीरिस्तान में देखने को मिला, जहां रात के सन्नाटे में पश्तून नागरिक मोबाइल की टॉर्च की रौशनी में सड़कों पर उतर आए। वे गगनभेदी नारों में अपनी आजादी की मांग करते हुए कह रहे थे – “है हक हमारा आजादी… हम छीन के लेंगे आजादी।”
वजीरिस्तान में गूंजते आज़ादी के नारों ने जनरल मुनीर की नींद उड़ा दी है। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ भी इन नारों से घबराए हुए हैं। अब समझ नहीं आ रहा कि बलूचिस्तान को बचाएं या खैबर पख्तूनख्वा को संभालें, क्योंकि दोनों ही सूबे उनके नियंत्रण से तेजी से फिसलते जा रहे हैं।
वजीरिस्तान में पाक सेना के अत्याचार इस कदर बढ़ गए हैं कि अब वहां के पश्तून समुदाय ने विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। सड़कों पर उतरकर लोग ‘आर्मी गो बैक’ के नारे लगा रहे हैं। पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद TTP ने खैबर में अपनी जड़ें और मजबूत कर ली हैं। संगठन द्वारा क्षेत्र में आतंकी हमलों को अंजाम देने का आरोप लगाया जा रहा है। इसी को आधार बनाकर पाकिस्तानी सेना वहां बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चला रही है।
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मगर हकीकत यह है कि सेना वहां बर्बरता की सारी सीमाएं पार कर चुकी है। मई महीने में पाक सेना ने वजीरिस्तान में ड्रोन हमले किए थे। जो कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार था, जब उसने अपने ही नागरिकों पर ड्रोन स्ट्राइक की कार्रवाई की।
पिछले तीन वर्षों में खैबर इलाके में पाकिस्तानी सेना पर हुए हमले बेहद खौफनाक तस्वीर पेश करते हैं। वर्ष 2023 में यहां कुल 651 आतंकी हमले दर्ज किए गए, जिनमें लगभग 500 सैनिकों की जान गई। इसके बाद 2024 में यह संख्या और बढ़ गई। 732 हमलों में करीब 700 सैनिक मारे गए। मौजूदा साल में अब तक 300 हमले हो चुके हैं, जिनमें 220 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो चुकी है। यानी तीन वर्षों में खैबर क्षेत्र में मरने वाले पाकिस्तानी सैनिकों की कुल संख्या 1,500 के आसपास पहुंच चुकी है।
अगर बलूचिस्तान की बात करें, तो वहां भी हालात किसी युद्ध क्षेत्र से कम नहीं हैं। दो दिन पहले ही बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बड़ा हमला किया, जिसमें उसने दो अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई कर पाकिस्तानी सेना के 30 से अधिक जवानों को मार गिराने का दावा किया है।