भिखारी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pakistan Begging Industry: पाकिस्तान में भीख मांगना अब महज एक मजबूरी नहीं, बल्कि एक तेजी से फलता-फूलता उद्योग बन चुका है। इसकी जड़ें देश के भीतर ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अमीर खाड़ी देशों तक भी फैली हुई हैं। हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह “उद्योग” एक चौंकाने वाला आंकड़ा पार कर चुका है। यह स्थिति न केवल पाकिस्तान की आर्थिक दुर्दशा को दर्शाती है, बल्कि इसके अंतरराष्ट्रीय आयाम भी हैं।
पाकिस्तान में भीख मांगने का कारोबार अब एक संगठित उद्योग का रूप ले चुका है। रिपोर्टों के अनुसार, यह इंडस्ट्री लगभग 42 अरब डॉलर (लगभग 3,50,000 करोड़ रुपये) की हो चुकी है। यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है, जो देश के लिए एक गंभीर चुनौती है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का भीख मांगने के काम से जुड़ना दिखाता है कि देश में गरीबी और रोजगार की कमी कितनी ज्यादा है।
पाकिस्तान जिसकी आबादी 23 करोड़ से ज्यादा है, वहां पर भिखारियों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान में लगभग 3 करोड़ 80 लाख (38 मिलियन) भिखारी हैं। इसका मतलब है कि देश की हर 6वीं से 7वीं व्यक्ति भीख मांगने के काम से जुड़ा हुआ है। यह संख्या न सिर्फ देश की गरीबी की कहानी कहती है, बल्कि इस बात का भी संकेत देती है कि भीख मांगने के पीछे एक बड़ा और व्यवस्थित नेटवर्क काम कर रहा है।
पाकिस्तानी भिखारी अब केवल अपने देश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे पूरी दुनिया में फैल चुके हैं। पाकिस्तान अब दुनिया भर में भिखारियों का एक बड़ा सप्लायर बन गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे अमीर खाड़ी देशों में मौजूद भिखारियों में से 90 प्रतिशत से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक होते हैं। ये लोग बाकायदा वीजा लेकर धार्मिक स्थलों जैसे- मक्का, मदीना और दुबई, शारजाह जैसे बड़े शहरों में भीख मांगने जाते हैं। हालांकि इन देशों द्वारा बड़ी संख्या में भिखारियों को हर साल वापस (डिपोर्ट) भेजा जाता है, फिर भी इनकी संख्या कम नहीं होती।
भीख मांगने के इस उद्योग में कमाई भी काफी अच्छी होती है। शहरों के हिसाब से भिखारियों की कमाई में फर्क है-
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पूरे पाकिस्तान में एक भिखारी की औसत कमाई ₹850 प्रतिदिन है। शहरों में, खास तौर पर कराची जहां गरीबी और आबादी बहुत ज्यादा है, वहां भीख की राशि भी ज्यादा मिलती है। यही कारण है कि कराची में सबसे ज्यादा भिखारी पाए जाते हैं, जिसके बाद लाहौर का नंबर आता है।