खैबर पख्तूनख्वा में सेना के हमले से तनाव (फोटो- सोशल मीडिया)
Pakistan Khyber Pakhtunkhwa Attack: पाकिस्तानी सेना द्वारा खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत (केपी) के तिराह घाटी में बमबारी किए जाने बलूच जनता गुस्से में है। सोमवार को हमले में मारे गए मासूम लोगों की मौत के खिलाफ खैबर चौक पर धरना, जबकि पेशवार में भी एक अन्य धरना प्रदर्शन किए जाने की घोषणा की जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी हमले से गुस्साए तिराह की अकाखेल जनजाति ने फैसला किया है, महिला पिड़ितों के शवों को दफनाया जाएगा। वहीं पुरूष और बच्चों के शव को कोर कमांडर हाउस के सामने रखकर प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका में है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा और आसपास के जिलों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आतंकवाद-रोधी अभियान चलाया। इसके तहत सेना ने तिराह घाटी के कुछ गांवों पर रात को करीब 2 बजे लड़ाकू विमानों की मदद से आठ एलएस-6 बम गिराए, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई।
🚨 Breaking: Over 30 civilians, including women and children, killed as PAF JF-17 jets drop LS-6 bombs on villages in Tirah Valley, Khyber Pakhtunkhwa.
🕑 Time of Attack: Around 2 AM on September 22, 2025 ✈️ Weapons Used: Pakistan Air Force deployed JF-17 fighter jets, dropping… https://t.co/WHGVFh4gCC pic.twitter.com/85sRX67BX1 — War Updates FC (@k_c_shivansh) September 22, 2025
इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने केपी के बन्नू और लकी मरवत जिलों में रात भर की गई छापेमारी में 31 आतंकवादी मारे गए। ये छापे सुरक्षा बलों की उस रणनीति के अनुरूप हैं जिसके तहत वे टीटीपी की हमले करने की क्षमता पर अंकुश लगाने के लिए आतंकवादी ढाँचे और नेतृत्व को निशाना बनाते हैं।
पाकिस्तानी राजनेता मौलाना फजल-उर-रहमान ने हाल ही में आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में लोगों के जबरन गायब होने और अपहरण में अधिकारी शामिल हैं, जहाँ पिछले कुछ वर्षों में हजारों युवा और कार्यकर्ता लापता हुए हैं। इसके अलावा यहां सेना पर आंतकविरोधी अभियान के नाम पर अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं।
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उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में स्थित खैबर पख्तूनख्वा, अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है और पश्तून-बहुल आबादी का घर है। यह प्रांत 1,01,741 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसकी आबादी लगभग 4 करोड़ है। यहां करीब 75-80% आबादी पश्तून है, जबकि हिंदको, चित्राली और कोहिस्तानी जैसे छोटे जातीय समूह और भाषाई समुदाय भी यहाँ रहते हैं। पश्तो यहाँ की प्रमुख भाषा है, हालाँकि कुछ समुदाय हिंदी और उर्दू भी बोलते हैं।