इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Israel Hamas War: गुरुवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में कब्जे में लिए गए सभी बंधकों को रिहा करने के लिए तुरंत वार्ता शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युद्ध को समाप्त करने के प्रयास केवल उन्हीं शर्तों पर किए जाएंगे जो इजरायल के लिए अनुकूल हों।
नेतन्याहू ने गाज़ा डिवीजन के दक्षिणी कमांड मुख्यालय में सैनिकों को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने रक्षा मंत्री और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर गाज़ा सिटी पर नियंत्रण और हमास को हराने की सैन्य रणनीति को हरी झंडी दी है। उन्होंने कहा, “हम अब निर्णायक विजय के चरण में हैं। मैं आज गाज़ा डिवीजन आया हूं ताकि उन योजनाओं को मंजूरी दे सकूं, जिनके माध्यम से इजरायली सेना गाज़ा सिटी पर कब्ज़ा कर हमास को पूरी तरह परास्त कर सके।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी बंधकों की रिहाई और युद्ध को समाप्त करने के लिए तत्काल वार्ता शुरू करने का निर्देश दिया है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह पहल केवल उन्हीं हालात में संभव होगी, जो इजरायल के लिए स्वीकार्य हों। उनका कहना था कि हमास की हार और बंधकों की रिहाई दोनों लक्ष्य एक साथ हासिल किए जाएंगे।
रिजर्व सैनिकों और नियमित सेना की तैनाती की प्रशंसा करते हुए नेतन्याहू ने इसे राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण मिशन करार दिया। फिलहाल इजरायली सेना गाज़ा सिटी में अपने सैन्य अभियान को और तेज कर रही है। इसके लिए लगभग 60,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाया गया है। हालांकि, इन कार्रवाइयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है।
इस महीने की शुरुआत में इजरायली मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया था कि युद्धविराम तभी संभव है जब हमास सभी बंधकों को एक साथ रिहा करे और इजरायल की शर्तों को मान ले। लेकिन बंधकों के परिवार इस नीति से असहमत हैं। उनका कहना है कि मार्च में हुई पिछली डील के बाद से हमास ने अब तक किसी भी बंधक को रिहा नहीं किया है। परिवारों का आरोप है कि गाजा शहर में सैन्य कार्रवाई का विस्तार कैदियों की ज़िंदगी को और ज़्यादा खतरे में डाल सकता है।
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हमास ने 60 दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव मान लिया है। इसके तहत शर्त रखी गई है कि 10 जीवित बंधकों और 18 शवों की रिहाई के बदले करीब 200 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाए। हालांकि, इजरायल ने इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है। उसका कहना है कि युद्धविराम तभी संभव होगा जब सभी बंधकों को एक साथ रिहा किया जाएगा।