पीएम मोदी और नेपाल पीएम केपी ओली, फाइल फोटो
काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली जल्द ही भारत की यात्रा पर आ सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे इस साल जुलाई में दिल्ली का दौरा कर सकते हैं। गौरतलब है कि ओली ने पिछले साल जुलाई में नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। परंपरागत रूप से नेपाल के प्रधानमंत्रियों का पहला विदेश दौरा भारत का होता है, लेकिन ओली अब तक यह यात्रा नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने भारत आने की कोशिश की थी, लेकिन समयाभाव के कारण भारत सरकार से उन्हें मिलने का मौका नहीं मिला। अब संकेत मिल रहे हैं कि उनके भारत दौरे की राह आसान हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल सरकार द्वारा अपने आधिकारिक नक्शे में लिपुलेख जैसे भारत के कुछ क्षेत्रों को शामिल करने और कुछ विवादास्पद बयानों के कारण पिछले साल भारत और नेपाल के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयानों से यह संकेत मिला कि वे चीन को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद ओली ने नवंबर में चीन की यात्रा की, जिससे भारत सरकार असहज महसूस करती नजर आई और उनका भारत दौरा संभव नहीं हो सका।
नेपाल की विदेश मंत्री आरजू देउबा राणा ने हाल ही में अपने दिल्ली दौरे में भारत सरकार से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की प्रस्तावित भारत यात्रा को आसान और सफल बनाया जाए। इससे पहले, अप्रैल में बैंकॉक में आयोजित BIMSTEC सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केपी ओली की मुलाकात हुई थी। इसके अलावा, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ओली ने मोदी को फोन कर संवेदना प्रकट की थी, जिससे दोनों देशों के संबंधों में फिर से गर्मजोशी लौटती दिखी।
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जब केपी शर्मा ओली ने नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत बनाने और आपसी सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई थी। हालांकि, ओली के सत्ता में आने को लेकर विशेषज्ञों ने पहले ही आशंका जताई थी कि इससे भारत-नेपाल रिश्तों में खटास आ सकती है, क्योंकि ओली को लंबे समय से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता रहा है।