
नेपाल में 5 मार्च को होने वाले आगामी आम चुनाव होंगे (सोर्स- सोशल मीडिया)
International Election Monitoring Nepal: नेपाल में 5 मार्च को होने वाले आगामी आम चुनावों को निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। नेपाल चुनाव आयोग ने चुनावों की निगरानी के लिए चार अंतरराष्ट्रीय और 26 घरेलू संगठनों को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है। चुनाव आयोग ने पर्यवेक्षकों के लिए कड़े मानदंड निर्धारित किए हैं, जो उनकी विश्वसनीयता सुनिश्चित करेंगे।
नेपाल के चुनाव आयोग (Election Commission) ने अगले साल 5 मार्च को होने वाले संघीय और प्रांतीय चुनावों की निगरानी के लिए चार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इजाजत दी है। चुनाव आयोग ने सोमवार को एक बयान में इसकी पुष्टि की। जिन चार संस्थानों को मंजूरी मिली है, उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित कार्टर सेंटर (Carter Center) और इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट शामिल हैं।
इनके अलावा, एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शंस (ANFREL) और मल्टीडिसिप्लिनरी इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एंड लर्निंग को भी पर्यवेक्षण की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही, 26 घरेलू सिविल सोसाइटी संगठनों को भी चुनाव निगरानी करने की इजाजत दी गई है।
नेपाल चुनाव आयोग ने चुनाव पर्यवेक्षकों को मान्यता देने के लिए कड़े योग्यता मानदंड निर्धारित किए हैं। संगठनों को सुशासन, चुनाव, लोकतंत्र, शांति स्थापना और मानवाधिकारों के क्षेत्रों में अपने अनुभव का सबूत देना अनिवार्य है। साथ ही, अगर इन संस्थानों ने पिछले चुनावों का निरीक्षण किया था, तो उन्हें अपनी निरीक्षण रिपोर्ट समय पर चुनाव आयोग को जमा करनी होगी।
आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, पर्यवेक्षक संगठनों को मानवाधिकारों, चुनाव आचार संहिता या नेपाली कानूनों के उल्लंघन के लिए दंडित या दोषी नहीं ठहराया गया होना चाहिए।
नेपाल में संघीय और प्रांतीय चुनावों के लिए अंतरराष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों को बुलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। हालांकि, स्थानीय चुनावों की निगरानी के लिए आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को नहीं बुलाया जाता है।
कार्टर सेंटर और ANFREL जैसे संगठन नेपाल के 2008, 2013 और 2017 के चुनावों की निगरानी में शामिल रहे हैं। चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों के लिए 28 अक्टूबर को इच्छुक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए थे।
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इस बीच, नेपाली सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। राजनीतिक दलों ने शिकायत की थी कि सरकार चुनावों के लिए अनुकूल माहौल बनाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के बारे में गंभीर नहीं है।
इन शिकायतों को दूर करने के लिए, कैबिनेट बैठक में सोमवार को कानून मंत्री अनिल सिन्हा के समन्वय में एक उच्च-स्तरीय राजनीतिक संवाद समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। यह समिति राजनीतिक दलों और हितधारकों के साथ बातचीत करके चुनावी माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास करेगी।






