
श्रीलंका से लेकर अमेरिका तक तबाही, (डिजाइन फोटो)
Year Ender 2025: साल 2025 में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रकृति ने अपना विकराल रूप दिखाया। कहीं भीषण बाढ़ आई, कहीं तेज भूकंप ने शहरों को हिला दिया तो कहीं जंगलों में लगी आग और हीटवेव ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। इन आपदाओं ने न सिर्फ जनहानि की, बल्कि बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचाया।
हाल ही में श्रीलंका में आए दितवाह तूफान ने व्यापक तबाही मचाई। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया और अब तक करीब 600 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। हालात को देखते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को राहत और बचाव सामग्री भेजकर हर संभव मदद की है। फिलहाल राहत कार्य लगातार जारी हैं।
इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी करीब 10 से 12 हजार साल बाद अचानक फट पड़ा। इस विस्फोट से निकली राख का विशाल बादल करीब 14 किलोमीटर ऊंचाई तक आसमान में फैल गया। यह राख लाल सागर, यमन और ओमान से होते हुए अरब सागर के ऊपर से पश्चिमी भारत और फिर उत्तर भारत तक पहुंची, जिसके बाद इसका असर चीन की ओर भी देखा गया। इस दुर्लभ प्राकृतिक घटना ने वैज्ञानिकों और मौसम एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
साल की शुरुआत में अमेरिका के लॉस एंजेलिस में जंगलों में लगी भीषण आग ने करीब 10 हजार एकड़ इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इस आग में कई लोगों की मौत हुई और 12 हजार से अधिक इमारतें जलकर खाक हो गईं। शुरुआती आकलन के मुताबिक, इस आग से 135 से 150 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हुआ है जो इसे अब तक की सबसे महंगी प्राकृतिक आपदाओं में शामिल करता है।
28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 3,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, जबकि 4,500 से अधिक लोग घायल हुए। कई इमारतें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे राहत कार्यों में भी काफी दिक्कतें आईं।
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यूरोप के कई देशों में इस साल रिकॉर्डतोड़ हीटवेव देखने को मिली। कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया, जिससे लोगों की मौत की खबरें भी सामने आईं। वहीं भारत में भारी बारिश के चलते पंजाब, राजस्थान, बिहार, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ आई। इससे लाखों लोग प्रभावित हुए और जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।






