
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और पूर्व पीएम खालिदा जिया (सोर्स-सोशल मीडिया)
Bangladesh National Mourning News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मंगलवार सुबह जारी एक भावुक शोक संदेश में यूनुस ने कहा कि खालिदा जिया के जाने से राष्ट्र ने न केवल एक अनुभवी राजनेता को बल्कि अपना सबसे बड़ा अभिभावक भी खो दिया है।
उन्होंने लोकतंत्र की बहाली और जनता के अधिकारों के लिए खालिदा जिया द्वारा किए गए दशकों लंबे संघर्ष को याद किया। यूनुस ने कहा कि उनका पूरा जीवन देश के कल्याण और तानाशाही के खिलाफ प्रतिरोध का एक प्रेरणादायक अध्याय रहा है।
प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि खालिदा जिया ने अस्सी के दशक में तानाशाही शासन के खिलाफ जो बिगुल फूंका था, उसने बांग्लादेश में लोकतंत्र की नींव रखी। उनके नेतृत्व ने एचएम इरशाद के नौ साल लंबे शासन को उखाड़ फेंकने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। राष्ट्र उनके अडिग संकल्प और बहुदलीय राजनीतिक संस्कृति को बढ़ावा देने के योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद रखेगा।
Chief Adviser’s Condolence message on the Death of Former Prime Minister Begum Khaleda Zia Dhaka, 30 December 2025: The Chief Adviser of the interim government, Professor Muhammad Yunus, has expressed profound sorrow at the death of Begum Khaleda Zia—three-time former Prime… — Chief Adviser of the Government of Bangladesh (@ChiefAdviserGoB) December 30, 2025
मुख्य सलाहकार ने विशेष रूप से खालिदा जिया द्वारा लड़कियों के लिए शुरू की गई मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति योजना का जिक्र किया। उन्होंने इस पहल को बांग्लादेश के सामाजिक इतिहास में एक मील का पत्थर बताया जिसने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। उनके आर्थिक उदारीकरण के फैसलों ने ही देश की आधुनिक अर्थव्यवस्था की एक मजबूत और टिकाऊ बुनियाद रखी थी।
यूनुस ने याद दिलाया कि खालिदा जिया अपने राजनीतिक जीवन में इतनी लोकप्रिय थीं कि वे कभी किसी भी चुनाव में पराजित नहीं हुईं। उन्होंने 1991 से 2008 के बीच कई अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों से चुनाव लड़ा और हर बार रिकॉर्ड जीत दर्ज की। उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद लोग उन्हें अपना मार्गदर्शक और रक्षक मानते थे।
शोक संदेश में यूनुस ने यह भी कहा कि खालिदा जिया को पिछले शासन के दौरान तीव्र राजनीतिक प्रतिशोध का सामना करना पड़ा और उन्हें झूठे मामलों में जेल भेजा गया। इन सबके बावजूद वे संघर्ष और प्रतिरोध की एक अनोखी प्रतीक बनकर उभरीं और कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनके इसी त्याग और समर्पण ने लंबे समय तक देशवासियों को प्रेरित किया है।
यह भी पढ़ें: बंग्लादेश की पहली महिला प्रधामंत्री Khaleda Zia का क्या था ‘भारतीय कनेक्शन’?
प्रोफेसर यूनुस ने इस अपूरणीय राष्ट्रीय क्षति के समय सभी देशवासियों से शांति और संयम बनाए रखने का पुरजोर अनुरोध किया है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने-अपने स्थान पर रहकर मरहूम नेता की आत्मा की शांति के लिए विशेष दुआ और प्रार्थना करें। सरकार ने उनके सम्मान में शोक की गरिमा को बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं।






