चार्टेड प्लेन से आया तहव्वुर राणा, डिजाइन फोटो
नई दिल्ली: मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को गुरुवार, 10 अप्रैल को भारत लाया गया, जहां कोर्ट ने उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया। राणा को भारत लाने के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उसे लेकर आई चार्टर्ड फ्लाइट ने पाकिस्तान के एयरस्पेस से उड़ान नहीं भरी, जबकि आमतौर पर इस रूट पर चलने वाली कमर्शियल और चार्टर्ड फ्लाइट्स पाकिस्तान के ऊपर से होकर जाती हैं।
राणा की मौजूदगी को देखते हुए उड़ान का रास्ता बदला गया था। हालांकि, वापसी के दौरान वही विमान सामान्य मार्ग से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरा और यूएई के एक एयरपोर्ट पर लैंड किया। यह विमान वियना की एक निजी चार्टर्ड जेट कंपनी से संबंधित है।
तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने के लिए एक विशेष चार्टर विमान गल्फस्ट्रीम G-550 का उपयोग किया गया। यह विमान प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर लिया गया था। भारतीय अधिकारियों के साथ तहव्वुर राणा ने अमेरिका के मियामी से उड़ान भरी, जो लगभग 40 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार शाम दिल्ली पहुंची। इस बिजनेस जेट का किराया लगभग 9 लाख रुपये प्रति घंटा है, और इसी हिसाब से इस पूरी यात्रा पर लगभग 4 करोड़ रुपये का खर्च आया।
अगर तुलना करें तो मियामी से दिल्ली की एक सामान्य बिजनेस क्लास टिकट की कीमत करीब 4 लाख रुपये होती है। इस लिहाज से देखा जाए तो तहव्वुर राणा को भारत लाने पर 100 गुना अधिक राशि खर्च हुई। हालांकि, सुरक्षा कारणों के चलते जब किसी आरोपी का प्रत्यर्पण किया जाता है, तो आम फ्लाइट के बजाय चार्टर प्लेन का ही इस्तेमाल किया जाता है।
गुरुवार रात तहव्वुर राणा को अदालत में पेश किया गया, जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दावा किया कि राणा पर संदेह है कि उसने 26/11 मुंबई हमलों जैसी एक और आतंकी साजिश रची थी, जिसमें भारत के कई शहरों को निशाना बनाया जाना था। एनआईए ने यह बात विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष रखी। कोर्ट ने राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
साथ ही, न्यायाधीश ने यह निर्देश भी दिया कि तहव्वुर राणा की हर 24 घंटे में मेडिकल जांच कराई जाए और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि राणा सिर्फ सॉफ्ट-टिप पेन का इस्तेमाल कर सकता है और अपने वकील से एनआईए अधिकारियों की मौजूदगी में ही मिल सकता है।
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NIA ने बहस के दौरान कहा कि तहव्वुर राणा को हिरासत में लेना जरूरी है ताकि साजिश के पूरे नेटवर्क को समझा जा सके। एजेंसी ने अदालत को बताया कि 17 साल पहले की घटनाओं की कड़ियों को जोड़ने के लिए राणा को कई स्थानों पर ले जाकर जांच करनी होगी। सूत्रों के अनुसार, NIA ने यह भी कहा कि राणा की लंबी हिरासत से गहन पूछताछ की जा सकेगी, जिससे साजिश के गहरे पहलुओं का खुलासा किया जा सके। हमें आशंका है कि मुंबई हमलों में इस्तेमाल की गई योजना को अन्य शहरों में भी लागू करने की तैयारी थी।