इजराइल के हमलों ने मचाई भयंकर तबाही, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: गाजा में 57 दिनों की शांति के बाद, इजराइल ने एक बार फिर भीषण हमले शुरू कर दिए हैं। सोमवार को युद्धविराम तोड़ने के साथ ही इजराइली हमलों में अभूतपूर्व आक्रामकता देखने को मिली। पहले ही दिन, इन हमलों में 230 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई। इजराइल के निशाने पर हमास के मंत्री से लेकर ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी तक शामिल रहे।
शुरूआती रिपोर्टों के अनुसार, गाजा में आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय में संगठन और प्रशासन प्राधिकरण के प्रमुख, साथ ही हमास के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर बहजत हसन अबू सुल्तान और उप आंतरिक मंत्री जनरल महमूद अबू वत्फा इन हमलों में मारे गए हैं।
इजराइल ने 42 दिनों तक चले पहले चरण के बाद दूसरी चरण की संघर्षविराम शर्तों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद सीजफायर पर दोबारा बातचीत शुरू हुई थी। हालांकि, शांति वार्ता असफल होने के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने पुष्टि की कि गाजा पर फिर से हमले शुरू कर दिए गए हैं।
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इज़राइली रक्षा मंत्री इज़रायल काट्ज़ ने घोषणा की है कि गाज़ा में सैन्य अभियान दोबारा शुरू कर दिया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, हमास के अधिकारी बासेम नईम ने इज़राइल पर युद्धविराम समझौते को एकतरफा तोड़ने का आरोप लगाया। हमास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार द्वारा युद्धविराम समाप्त करने का फैसला लिया गया है, जिससे गाज़ा में बंधकों की स्थिति अब अनिश्चित हो गई है।
पिछले 15 महीनों के भीषण संघर्ष के बाद, नए हमले पहले से भी अधिक विनाशकारी प्रतीत हो रहे हैं। इजराइल ने हमास के दो वरिष्ठ अधिकारियों को मार गिराया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह इस बार और आक्रामक रणनीति अपना रहा है।
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद शुरू हुए इजराइली हवाई हमलों में अब तक गाजा में लगभग 50,000 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। दूसरी ओर, 7 अक्टूबर के हमास हमले में लगभग 1,200 इजराइली नागरिकों की मौत हुई थी।