कई देशों ने अपने एयरस्पेस किए बंद, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
तेहरान: ईरान को इजरायल के हमले में भारी क्षति हुई है। इस हमले में ईरानी सेना के प्रमुख मोहम्मद घावेरी और एलीट फोर्स इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड के नेता हुसैन सलामी की मौत हो गई है। साथ ही, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीबी सलाहकार अली शमखानी भी इस हमले में घायल हो गए हैं।
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इन खबरों की पुष्टि की है। इस हमले के बाद इजरायल और ईरान के बीच चल रही तनावपूर्ण स्थिति और बढ़ गई है, जिससे दोनों देशों के बीच बड़े युद्ध की आशंका भी बढ़ रही है।
ईरान ने इजरायल पर हमले का जवाब देने के लिए 100 ड्रोन भेजे हैं, जबकि इजरायल ने चेतावनी दी है कि यह सिर्फ शुरुआत है। इस बढ़ते तनाव के बीच मध्य पूर्व के कई देशों ने सावधानी के तौर पर अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, ताकि यात्री विमान इन हमलों की जद में न आ जाएं। इराक, लेबनान, सीरिया और जॉर्डन जैसे पड़ोसी देशों ने भी अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है, जिससे कई देशों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
ईरान के एयरस्पेस बंद होने से भारत की कई उड़ानें वापस दिल्ली या मुंबई लौटने को मजबूर हो गई हैं, जबकि विदेश से आने वाली फ्लाइट्स को अन्य मार्गों से डायवर्ट किया जा रहा है। इस स्थिति ने वैश्विक हवाई यातायात में व्यवधान पैदा कर दिया है।
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इजरायल ने अपने यहां सभी विमानों का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, जबकि ईरान ने भी तेहरान के हवाई अड्डे को बंद करने का फैसला किया है। विश्लेषकों का मानना है कि इन कदमों से दोनों देशों के बीच संघर्ष और बढ़ सकता है। इजरायल ने स्पष्ट किया है कि वह ईरान के परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने से पीछे नहीं हटेगा, क्योंकि उसके लिए ईरान का परमाणु हथियार बनाना अस्वीकार्य है। इसी तरह की चिंता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी व्यक्त की है, जिन्होंने इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने की बात कही है। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से लेकर ट्रंप तक की इस सख्त रणनीति ने दुनिया में एक बड़े युद्ध की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।