नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: महाशिवरात्रि न केवल भारत में बल्कि पाकिस्तान सहित दुनिया के कई अन्य देशों में भी बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इस पावन अवसर पर शिवभक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में एकत्र होकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। उनके लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है, और वे दूर-दूर से आकर भगवान शिव की आराधना में लीन होते हैं।
महाशिवरात्रि के अवसर पर पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका में कई प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इन मंदिरों में से कुछ हजारों वर्ष पुराने हैं और भारतीय संस्कृति से गहरे जुड़े हुए हैं। महाशिवरात्रि के दिन यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। आइए जानते हैं उन सात प्रमुख मंदिरों के बारे में, जहां इस पावन अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना होती है और हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित कटासराज मंदिर हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। मान्यता के अनुसार, जब माता सती का देहांत हुआ, तब भगवान शिव के अश्रु जहां गिरे, वहीं इस मंदिर की स्थापना हुई। यह मंदिर एक विशाल परिसर का हिस्सा है, जिसमें कई छोटे-बड़े मंदिर शामिल हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। पाकिस्तान सरकार भी इस ऐतिहासिक स्थल को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है।
पाकिस्तान के कराची से कुछ दूरी पर स्थित मनौरा द्वीप पर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसे ‘मनौरा शिव मंदिर’ या वरुण देव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर ऐतिहासिक महत्व रखता है और हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है।
सिंध प्रांत के थार क्षेत्र में स्थित गौरी मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। लगभग 300 वर्ष पूर्व निर्मित इस मंदिर की वास्तुकला में राजस्थानी शैली की खूबसूरती देखने को मिलती है, जो इसे विशेष बनाती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना का भव्य आयोजन किया जाता है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर गहरी धार्मिक आस्था और श्रद्धा का केंद्र है।
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श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में स्थित श्री कैलावासनाथन स्वामी देवस्थानम कोविल भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। इस मौके पर भव्य आयोजन किए जाते हैं और विशेष रूप से पूरी रात जागरण किया जाता है। यह मंदिर तमिल हिंदू परंपरा के अनुसार संचालित होता है, और इसके दर्शन के लिए स्थानीय भक्तों के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
श्रीलंका के त्रिंकोमाली में स्थित कोनेश्वरम मंदिर भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह भव्य मंदिर हिंद महासागर के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाता है। माना जाता है कि इसकी स्थापना हजारों वर्ष पहले हुई थी और इसका संबंध रामायण काल से है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और बड़े धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। इसे दक्षिण एशिया के सबसे पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों में गिना जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित होते हैं।
नेपाल सरकार इस खास दिन पर विशेष इंतजाम करती है और मंदिर परिसर में भव्य आयोजन किए जाते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर को शिवभक्तों के लिए एक पवित्र धाम माना जाता है, जहां न केवल नेपाल बल्कि भारत और अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित गोरखनाथ मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले गोरखनाथ को समर्पित है, जो नाथ संप्रदाय के प्रतिष्ठित संत थे। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष रूप से पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से भी इस मंदिर का बहुत महत्व है, क्योंकि नेपाल के राजाओं द्वारा भी इसकी आराधना की जाती थी।