
लिथुआनिया ने देशभर में इमरजेंसी लागू की, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Belarus Hybrid Attack: लिथुआनिया सरकार ने देशभर में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। हाल के महीनों में बेलारूस की ओर से कई तस्करी वाले गुब्बारे लिथुआनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं। इन गुब्बारों में तस्कर बड़ी मात्रा में सिगरेट भरकर भेजते हैं, जिससे लिथुआनिया की सुरक्षा प्रणाली पर सीधा खतरा मंडरा रहा है।
इन घटनाओं का सबसे बड़ा असर हवाई सेवाओं पर पड़ा है। तस्करी वाले गुब्बारों के कारण विलनियस एयरपोर्ट को कई बार अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है, जिससे फ्लाइट संचालन बाधित हुआ और यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। सरकार का कहना है कि यह सिर्फ तस्करी या हवाई उड़ानों में रुकावट का मामला नहीं है, बल्कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
गृह मंत्री व्लादिस्लाव कोंड्राटोविच ने इसे हाइब्रिड अटैक बताया है ऐसा हमला जिसमें आधिकारिक रूप से युद्ध नहीं किया जाता, लेकिन दूसरे देश को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है। उनका कहना है कि बेलारूस की ओर से भेजे जा रहे ये गुब्बारे सुरक्षा उल्लंघन हैं और देश की हवाई निगरानी प्रणाली को चुनौती देते हैं।
हालांकि, बेलारूस ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। बेलारूस का दावा है कि उसका तस्करी वाले गुब्बारों से कोई संबंध नहीं है, बल्कि उल्टा उसने लिथुआनिया पर यह आरोप लगाया कि उसने एक ड्रोन भेजकर उसके क्षेत्र में आपत्तिजनक सामग्री गिराई। दोनों देशों के बीच बढ़ते आरोप-प्रत्यारोप ने तनाव को और बढ़ा दिया है। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि लिथुआनिया इस मामले को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है और उनका देश किसी भी तरह का युद्ध नहीं चाहता।
लिथुआनिया सरकार ने संसद से यह भी आग्रह किया है कि आपातकाल के दौरान सेना को पुलिस, बॉर्डर गार्ड और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई करने की अनुमति दी जाए। सेना को विशेष अधिकार देने की मांग की गई है, जिसमें संदिग्ध क्षेत्रों में प्रवेश रोकना, वाहनों की तलाशी लेना, दस्तावेजों की जांच करना और आवश्यक होने पर बल प्रयोग करना शामिल है। सरकार का मानना है कि बढ़ते सुरक्षा खतरे के बीच यह कदम जरूरी है।
दिलचस्प बात यह है कि बेलारूस के तस्कर अब ड्रोन की बजाय गुब्बारों का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि गुब्बारे सस्ते होते हैं और रडार पर आसानी से पकड़ में नहीं आते। इस वर्ष अब तक लिथुआनियाई पुलिस 600 से अधिक गुब्बारे पकड़ चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 966 थी।
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दोनों देशों की सीमा पर तनाव पहले भी रहा है। 2021 में लिथुआनिया ने आरोप लगाया था कि बेलारूस जानबूझकर प्रवासियों को उसकी सीमा में धकेल रहा है। वहीं 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर भी लिथुआनिया ने एहतियात के तौर पर आपातकाल लागू किया था।






