लश्कर-ए-तैयबा का अफगानिस्तान को अल्टीमेटम, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
LeT Afghanistan Attack Threat: पाकिस्तान के प्रतिबंधित और कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने पहली बार खुले तौर पर पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर अफगानिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की धमकी दे दी है।
यह बयान उस समय आया है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित यह संगठन लंबे समय से पाकिस्तान की नीतियों के प्रति मौन समर्थन देता रहा है, लेकिन इस बार उसने खुलकर पाकिस्तानी सेना के साथ खड़े होने का ऐलान किया है।
लश्कर के वरिष्ठ नेता और हाफिज सईद के करीबी सहयोगी कारी याकूब शेख ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनाए जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए कई दशकों तक बलिदान दिए, लेकिन बदले में अफगानिस्तान ने पाकिस्तान का हमेशा समर्थन ही किया है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर और अफगान उलेमा द्वारा जारी फतवे का लश्कर-ए-तैयबा पूरा समर्थन करता है जिसमें कहा गया है कि अफगान सरजमीं का इस्तेमाल पाकिस्तान-विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए।
मोहम्मद याकूब शेख ने अफगान सरकार और तालिबान से लिखित आश्वासन की मांग की कि उनकी जमीन से पाकिस्तान के खिलाफ कोई साजिश या गतिविधि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान ऐसा गारंटी देने को तैयार होता है, तो दोनों देशों के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर जा सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तानी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्रवाई के लिए तैयार है।
🚨🇵🇰👹 Interesting days ahead.
Lashkar e Taiba declares it is prepared to take on Afghanistan and its terrorist networks 🫢 Hafiz Saeed’s close aide and senior LeT leader Qari Yaqoob Sheikh has endorsed Asim Munir’s elevation to CDF. PaK and Afghan ullema issued fatwa against… pic.twitter.com/UbiAZTNzR4 — OsintTV 📺 (@OsintTV) December 12, 2025
सोशल मीडिया पर यह धमकी भरा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे सीमा पर तनाव और बढ़ने की आशंका है। वीडियो में लश्कर नेता खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे अफगानिस्तान में मौजूद ‘आतंकी नेटवर्क’ को खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर हमला करेंगे। इस बयान ने यह भी साफ कर दिया है कि पाकिस्तान सरकार और सेना को अपने देश के आतंकी संगठनों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि लश्कर-ए-तैयबा द्वारा दिया गया यह बयान क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। यह न केवल पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों को और बिगाड़ सकता है, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति को अस्थिर कर सकता है। इस बयान के बाद अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया क्या होगी, इस पर अब सबकी नजरें टिकी हैं।